• बलदेव नगर पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे डॉ. मुरारी लाल को विरासत में मिलीं ढेरों समस्याएं

बलदेव : नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के शपथ ग्रहण के साथ ही नवनियुक्त चेयरमैन डॉ. मुरारी लाल अग्रवाल को ढेरों समस्याएं विरासत में मिली हैं। जनसुविधाओं और जन सामान्य से जुड़ी यह वे समस्याएं हैं, जो कई कई दशकों से नगरवासी झेल रहे हैं।

इनका तात्कालिक समाधान तो बीच-बीच में होता है, लेकिन योजना के तहत स्थायी समाधान अभी तक नहीं हुआ है। लोगों का यह भी कहना है कि अगर इन समस्याओं का ही समाधान हो जाए तो नगर को अलग से कोई तीर्थ स्थल की जरूरत ही नहीं है।

नगर की प्रमुख समस्याएं

कूड़ा-गंदगी: नगर में जहां भी नजर डालो, कूड़ा फैला नजर आता है। इसका एक कारण कूडे़ के कलेक्शन से लेकर उठान तक की प्रक्रिया में ही कमी है। नगर में जगह-जगह कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट बने हुए हैं, जो समस्याओं को और बढ़ा देते हैं।

जलभराव: यह नगर की पुरानी समस्या है। नाले और नालियों पर कब्जे हैं। कूडे़, प्लास्टिक से नाले और नालियां चौक हैं। पोखरों पर काफी हद तक कब्जे हो चुके हैं। जो कुछ पोखर बचे हैं उनकी बाउंड्रीवॉल नहीं हुई है। आसपास की आबादी इन पोखरों के दायरे को कम कर रही है। पोखरों के किनारों को कूड़े, मलबे आदि से पाटा जा रहा है। इससे बरसात के समय जो पोखर पानी का संचय करते हैं वह ओवरफ्लो होने लगते हैं।

अतिक्रमण: नगर का पुराना हिस्सा हो या नया इलाका, गलियां हों या मुख्य मार्ग, करीब-करीब सभी इलाके अतिक्रमण का शिकार हैं। लगातार सिकुड़ रहीं सड़कें और उन पर बढ़ रहा वाहनों का बोझ, समस्याओं को और बढ़ा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि अतिक्रमण के चलते लगे जाम के कारण लोगों ने पुराने बाजारों का रूख करना बंद कर दिया है।

पार्किंग: नगर में बढ़ते वाहनों के साथ ही पार्किंग की समस्या उठ खड़ी हुई है। पार्किंग के अभाव में लोग वाहनों को यहां वहां खड़ा करते हैं। जिससे अव्यवस्था फैलती है। नगर में कुछ स्थान पार्किंग के लिए चिन्हित हैं, लेकिन उनका अभी तक क्रियान्वयन नहीं हो सका है। अधिकांश शादी समारोह वाले बैंक्वेट हॉल, होटल, आदि में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। जिससे यातायात प्रभावित होता है।

स्वच्छ पेयजल: नगर पंचायत द्वारा पेयजल की आपूर्ति पुरानी और जर्जर पाइप लाइनों से हो रही है। यह पाइप लाइनें अक्सर लीक करती हैं, जिससे घरों में दूषित पानी पहुंचता है और सड़कें भी लबालब हो जाती हैं। पुरानी पाइप लाइनों के स्थान पर नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरी तरह से नहीं हो सका है। नगर पंचायत ने नलकूपों का निर्माण किया है, लेकिन पुरानी पाइप लाइनों को अब बदलना भी जरूरी हो गया है।

बसों की समस्या: एक दशक से स्थापित पुराना बस अड्डा अब अपने रूप को बिल्कुल खो चुका है। करीब 45 वर्षों से यह बस स्टैंड बसों के आवागमन का इंतजार कर रहा है। यात्रीगण भी इसकी राह निहारकर रजवाह चौराहे पर पहुंचते हैं। इस बस स्टैंड पर बसों के आवागमन की व्यवस्था भी एक चुनौती बनी हुई है।

राजकीय कन्या विद्यालय: नगर का एक मात्र वर्षों से स्थापित राजकीय कन्या विद्यालय को भी संजोये रखने की आवश्यकता है। पिछले कई वर्षों में मानो प्रवेश प्रक्रिया तो पूरी तरह से ठप सी ही पड़ी हुई है। तो विद्यालय हालात भी बदल गए हैं। जर्जर दिवारें घटना का संकेत दे रही हैं। इसकी हालात को सुधारने और शिक्षा की कवायद को बढ़ाने के प्रयास अति आवश्यक हैं।

सड़कें : नगर की अधिकतर सड़कों का हाल ए बेहाल है। जगह जगह से सड़कें उखड़ी हुई हैं। सीमेंट ईटों से बनी यह सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि जहाँ ईंट होनी चाहिए वहां बारिश के दौरान पानी पानी होता है। इसके अलावा नालियों के सहारे से उखड़ी सड़कों के कारण नालियों से पानी उफन रहा है।

बिजली : नगर कि विभिन्न सड़कों के साथ साथ परिक्रमा मार्ग में खम्बों पर बिजली कि व्यवस्था न होने के कारण रात्रि में परिक्रमार्थियों और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं में भय व्याप्त रहता है। पुलिस के साथ बेहतर संमंध बनाकर रात्रि में परिक्रमा मार्ग और अन्य मार्गों पर पुलिस कर्मी तैनात करने कि अति आवश्यकता है।

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