नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ महीनों का वक्त बचा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष JP नड्डा ने अपनी नई टीम का ऐलान किया हैं। जैसे ही पार्टी ने नए नामों का ऐलान किया इसमें दो नाम ऐसे है, जिसे सुनकर लोग चौंक गए। लोकसभा और राज्यसभा में एक भी मुस्लिम सांसद न होने वाली पार्टी ने अपने पार्टी में दो मुस्लिम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए है। इनमें से एक अब्दुल्ला कुट्टी और एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर तारिक मंसूर का नाम शामिल है। आइए जानते है कि चुनाव में मुस्लिमों को टिकट देने से बचने वाली BJP अब उन्हें पार्टी में जगह क्यों दे रही है?
अब्दुल्ला कुट्टी को भाजपा ने आज अपना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया हैं। कुट्टी मूल रूप से केरल के रहने वाले है। इसके साथ ही वह लोकसभा के सदस्य भी रह चुके है। फिलहाल वह भारतीय हज समिति अध्यक्ष है।
वह लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पार्टी दक्षिण भारत में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।इस दौरान उसे वहां एक मजबूत मुस्लिम नेता की जरूरत है। ऐसे में कुट्टी पार्टी की पहली पसंद हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर तारिक मंसूर को भी बीजेपी ने आज अपना नया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। वह पद्म सम्मान देने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। मंसूर को भाजपा ने इसी साल उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया था। दरअसल मंसूर को पहले MLC फिर केंद्रीय पदाधिकारी बनाए जाने के पीछे बीजेपी की पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने की नीति को कारण बताया जा रहा है। मंसूर कुरैशी बिरादरी के मुसलमान हैं। जो कि मुस्लिम समाज में पसमांदा कहलाते हैं।