बिजनौर : पूरे देश में 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन के अवसर पर कई मार्मिक कहानियां सुनने और देखने को मिलती है। इस बीच एक ऐसी ही कहानी फिर हमारे सामने आई है। दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का है। यहां रक्षाबंधन के पावन दिन पर 60 साल से बिछड़ी बहन और भाई एक बार फिर से एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल साल 1960 में एक मेले में 9 सालू की मासूम बालेश बिछड़ गई थीं। इसके बाद मेले में खो चुकी बालेश को एक दंपत्ति ने अपनाया और अपनी भांजी बताकर फर्रुखाबाद के पकाना गांव ले गएं।
60 साल पहले बिछड़ गई थी बहन
बालेश ने यहीं अपना पूरा जीवन बिताया, शादी की, मां बनी, लेकिन बालेश ने अपने परिवार की तलाश जारी रखी। इस कहानी में रोचक मोड़ तब आया जब बालेश के पोते प्रशांत, जो सेना में तैनात हैं, वह चुपचाप बिजनौर के कभोर गांव पहुंच गए। प्रशांत को बालेश ने पहचान लिया और 60 साल पुराना घाव भरने लगा। इस पूरे मामले में अब सबसे मजेदार बात ये है कि रक्षाबंधन से पहले बालेश अपने सगे भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी। यह मिलन साबित करता है कि रिश्ते टूटते नहीं, बस वक्त की परतों में छिप जाते हैं और सही समय पर फिर से खिल उठते हैं।

