सूरत : हिमाचल चुनाव में बड़े नेताओं की सक्रियता जितनी थी, उससे कई गुना ज़्यादा सक्रियता गुजरात में देखी जा रही है। क्यों? क्योंकि भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख का सवाल है। कांग्रेस ने हालाँकि यहाँ के शहरी इलाक़ों से मैदान लगभग छोड़ ही दिया है, लेकिन आप को लगता है कि यहाँ भी पंजाब की तरह कोई चमत्कार हो सकता है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रचार मंगलवार 29 नवंबर की शाम पांच बजे थम जायेगा। पहले चरण में चुनावी मैदान में 788 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। दूसरे चरण में 5 दिसंबर को 93 सीटों पर मतदान होगा। 833 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे। गुजरात में इस बार विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प है। पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। बीजेपी, कांग्रेस के अलावा इस बार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है।
मुफ़्त का चलन गुजरात में ज़्यादा
चूँकि मुफ़्त का चलन गुजरात में कुछ ज़्यादा ही है इसलिए आप ने वहाँ 300 यूनिट तक मुफ़्त बिजली, महिलाओं को हर महीने हज़ार रुपए और बेरोज़गारी भत्ते जैसे प्रलोभन सबसे पहले दिए हैं। सब जानते हैं गुजरात में मुफ़्त के बीस रुपए का सामान लेने के लिए लोग बड़ी- लम्बी गाड़ियों में आते हैं, क़तार में खड़े रहते हैं और वो फ़्री का सामान लेकर जाते हैं। अगर पूछो कि ये जितने का सामान है उससे ज़्यादा का तो आपने गाड़ी में तेल जला दिया! फ़ायदा क्या हुआ? जवाब में कहा जाता है – आपकी बात ठीक है लेकिन हक़ तो छोड़ा नहीं जा सकता ना!
कांग्रेस की सीटों पर हो सकती है आप की सेंधमारी
गाँवों की जिन सीटों पर वर्षों से कांग्रेस का दबदबा नज़र आता है, वहाँ ज़रूर आप की सेंधमारी काम कर रही है। ऐसी सीटों में से ज़्यादातर पर कांग्रेस और कुछ सीटों पर भाजपा को नुक़सान होने की तीव्र संभावना है। आप की गुजरात में जितनी भी सीटें आएँ, उसके लिए मुनाफ़ा ही है क्योंकि उसकी यहाँ ज़मीन तैयार हो रही है। एक- दो चुनाव बाद हो सकता है उसे गुजरात में तगड़ा फ़ायदा मिल सके। फ़िलहाल तो वह राज्य में तीसरे नंबर पर ही रहेगी, ऐसा लगता है।