जयपुर : राजस्थान के श्रीगंगानगर की करणपुर सीट का परिणाम आ गया है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश सरकार के नव निर्वाचित मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी विधानसभा चुनाव (Karanpur Vidhan Sabha Chunav) हार गए हैं। यह हार तब हुई है, जब एक माह पहले ही कांग्रेस में भाजपा की सरकार बनी है। विधायक बने बिना ही भाजपा ने टीटी को मंत्री बना दिया था। अब ये सवाल खडा होता है कि टीटी मंत्री बने रहेंगे या मंत्री पद से हटाए जाएंगे?

भाजपा की नई भजनलाल सरकार ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को पहले तो करणपुर का प्रत्याशी घोषित किया और इसके बाद 30 दिसंबर को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिला दी। कांग्रेस ने इसे चुनाव आचार सहिंता का उल्लंघन बताया था। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए क्षेत्र की जनता को लालच दे रही है। हालांकि, भाजपा ने कहा कि बिना चुनाव जीते भी एक शख्स सीमित अंतराल के लिए मंत्री रह सकता है।

संविधान के हिसाब बिना विधायक बने भी एक व्यक्ति मंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है। लेकिन वह केवल 6 महीने के लिए ही उस पद पर रह सकता है। आगे भी उस पद पर बने रहने के लिए उनका विधायक बनना जरूरी है। ऐसे में मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी 6 माह तक मंत्री रह सकते हैं, यदि वो आगे भी मंत्री बनना चाहते हैं तो फिर से किसी सीट पर चुनाव लड़कर उन्हें विधायक बनना होगा। लेकिन फिलहाल प्रदेश में कोई भी विधानसभा सीट खाली नहीं है, जहां चुनाव होने हों। इसके अलावा, पार्टी पर भी निर्भर करता है कि वो टीटी को मंत्री बनाए रखती है या इस्तीफा देने को कहती है। लेकिन नियमों के मुतबिक, टीटी हारकर भी 6 महीने तक मंत्री रह सकते हैं।

‘सरकार मंत्री बनाती है, विधायक नहीं’

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने करणपुर के चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है ई सरकार मंत्री बन सकती है लेकिन विधायक नहीं, विधायक तो जनता ही बनती है। इससे पहले डोटासरा ने करणपुर में एक चुनावी रैली में कहा था कि भाजपा के विधायक तो इस चुनाव में बहुत हराए हैं, लेकिन अबकी बार मंत्री हराकर दिखाएंगे। वैसे भी करणपुर की जनता को तो मंत्री को हराने की आदत है। डोटासरा का यह बयान खूब वायरल हुआ था।

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