मथुरा : कला, साहित्य एवं संस्कृति की रचनात्मक अभिव्यक्ति जन चेतना का सशक्त माध्यम है। वर्तमान समय में ब्रज की विभूतियों के माध्यम से इसे और विस्तार देने की जरुरत है। ब्रज अपने सुदूर अतीत से प्रेम और प्रगतिशीलता की उर्वरा भूमि रही है। कला, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में सर्जनात्मक एवं सकारात्मक कार्य करने की आवश्यकता है।
यह विचार गत दिवस एक स्थानीय होटल में जन सांस्कृतिक मंच के 47 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंच के संस्थापक सदस्य और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के डायरेक्टर डॉ. हरवंश चतुर्वेदी ने व्यक्त किए।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कवयित्री पूनम वर्मा ने अपनी सरस व सुमधुर ब्रज से जुड़े अनेक मुक्तकों एवं कविताओं के माध्यम से वातावरण को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक बना दिया। कार्यक्रम के अंत में मंच के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने केक काटकर एक दूसरे को स्थापना दिवस की बधाई दी।
कार्यक्रम में मंच के वरिष्ठ सदस्य डॉ. आरके चतुर्वेदी ने मंच की स्थापना से लेकर अब तक के सफर पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद लोगों में डॉ. अशोक बंसल, सुनील आचार्य, अनिल चतुर्वेदी, राजकिशोर, राहुल गुप्ता, इप्टा के देवेन्द्र पाल, रवि प्रकाश भारद्वाज, लक्ष्मण दादा, योगेश शर्मा, पत्रकार विवेक दत्त मथुरिया, दीपक गोयल, किशन चतुर्वेदी, एडवोकेट राकेश भार्गव, मुनीश भार्गव, रेखा सक्सेना, आशा गोयल, साधना भार्गव आदि रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रीति अग्रवाल ने की, मंच के अध्यक्ष मुरारीलाल अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा संचालन सचिव डॉ. धर्मराज ने किया।