लखनऊ : लखनऊ में तीनों सेना प्रमुखों की कमांडर कॉन्फ्रेंस हुई। मध्य कमान मुख्यालय में करीब 3 घंटे तक हुई इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता सीडीएस अनिल चौहान ने की।
कमान मुख्यालय में सुबह 9.15 बजे कमांडर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सीडीए अनिल चौहान ने किया। सूत्रों की मानें तो यहां नॉर्थ-ईस्ट और बांग्लादेश के हालात पर चर्चा हुई।
कल यानि गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बैठक को संबोधित करेंगे। सेना के सूत्र बताते हैं कि बैठक में तीनों सेना के बीच देश की सुरक्षा, हथियार खरीद और वित्तीय योजनाओं पर भी बातचीत की गई।
नॉर्थ ईस्ट में चल रही गतिविधियों, बांग्लादेश के बदले हालात के बीच सेना की यह बैठक अहम रही। मौजूदा समय में पूरी दुनिया भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और तकनीकी संक्रमण के दौर से गुजर रही है। इसका असर भारत पर कितना पड़ सकता है? इस पर भी सीडीएस ने सेना प्रमुखों से बात की।
बैठक में थल सेना, वायुसेना और नौसेना के अध्यक्ष और शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे। इस बैठक का लक्ष्य सशस्त्र बलों के बीच वित्तीय मुद्दों पर तालमेल बढ़ाना है। बैठक में रक्षा मंत्रालय, रक्षा लेखा महानियंत्रक और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अब आगे पढ़ते हैं कि किन-किन बिंदुओं पर सेना के प्रमुख करेंगे चर्चा
तीनों सेना के बीच तालमेल, बेहतर समन्वय
बैठक में सुरक्षा क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना किस प्रकार से हो इस पर भी बात की गई। साथ ही तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने की योजना भी बनी।
CDS के साथ तीनों सेना के प्रमुख।
तीनों सेनाओं के बीच थियेटराइजेशन योजना
थियेटराइजेशन योजना के अनुसार प्रत्येक थियेटर कमान की थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी। वे सभी एकल इकाई के रूप में काम करेंगी, जो एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटेंगी। थियेटर कमान की योजना, सेना के तीनों अंगों को एक करने और उनके संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए बनाई जा रही है। वर्तमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के अलग-अलग कमांडो हैं। इसके साथ ही वित्तीय योजना पर सशस्त्र बलों में तालमेल हो सके, इस पर भी बात हुई।
सेना के तीनों अंगों ने थिएटर कमांड के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के लिए व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ संयुक्त रूप से स्टडी किए हैं। फिलहाल देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए काफी समय से थिएटर कमांड की जरूरत महसूस की जा रही थी। फिलहाल 4 नए थिएटर कमांड बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
ये थिएटर कमांड देश की तीनों सैन्य सेवाओं के पहले से मौजूद 17 कमांड के अतिरिक्त होंगे। थलसेना के पास तीन थिएटर कमांड, जबकि नौसेना के पास एक कमांड की जिम्मेदारी होगी। वहीं, भारतीय वायुसेना को एयर डिफेंस कमांड की जिम्मेदारी दी जाएगी।
तीनों सेनाओं के प्रमुख: थल सेनाध्यक्ष, लेफ़्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना अध्यक्ष, दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल-वीआर चौधरी।
हथियार खरीद, तीनों सेनाओं की एकजुट भूमिका पर चर्चा
आज की बैठक में, रक्षा वित्त में विभिन्न हितधारकों से जुड़े पहलुओं पर बातचीत हुई। साथ ही, रक्षा खरीद में सामने आ रहीं चुनौतियों के समाधान पर भी राय ली गई। बैठक का टारगेट सशस्त्र बलों के बीच वित्तीय मुद्दों पर तालमेल बढ़ाना रहा। बैठक में रक्षा मंत्रालय, रक्षा लेखा महानियंत्रक और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी देखने को मिली।