- एमपी की महिला साइकिलिस्ट ने कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में शुरू की साइकिल यात्रा दिल्ली से मथुरा जीएलए पहुंची
दैनिक उजाला, मथुरा : जिंदगी में बहुत परेशानियां सामने आती हैं। यह परेशानियां ऐसी होती हैं कि कभी-कभी तो व्यक्ति बिल्कुल अपाहिज हो जाता है, यानि कुछ करने लायक भी नहीं रहता। ऐसे में यही कमजोरी उसको आगे बढ़ने से रोकती है, लेकिन इन परेशानियों से बिल्कुल भी घबराना नहीं है।
यह प्रेरणादायक बातें जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में साइकिल यात्रा शुरू करने वाली एमपी की महिला साइकिलिस्ट आशा मालवीय ने विद्यार्थियों के साथ साझा कीं। साइकिलिस्ट ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 से 2023 तक संपूर्ण भारत में 26 हजार कि.मी. एकल महिला साइकिल यात्रा महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पूर्ण की थी। इसके बावजूद सुकुन नहीं मिला और फिर से ’कारगिल विजय दिवस कि रजत जयंती’ के अवसर पर यात्रा ’कन्याकुमारी से शुरू कर कारगिल पहुंच कर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये सशक्त सेना तथा समृद्ध भारत का संदेश पूरे विश्व को देने की ठानी। यात्रा के दौरान 15 अगस्त को हिम अच्छादित सियाचिन पहुंची तथा भारत के वीर सपूतों को नमन किया। उसके पश्चात 06 सितंबर, 2024 को दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मोटरेबल रोड से होकर वर्तमान में दिल्ली से होते हुए मथुरा पहुंची।
ब्रज की धरा पर पहुंचकर आशा ने यहां माटी को मस्तक से लगाया और जीएलए पहुंचकर विद्यार्थियों से रूबरू हुईं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जीवन में बहुत कठिनाईयां सामने आईं। असफलता भी कई बार हाथ लगी, लेकिन इस दौर में जिद्दी होना जरूरी था। लक्ष्य निर्धारित किया और चल पड़ी। उन्होंने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य तय होना जरूरी है। क्योंकि मन संतुलित नहीं रहता, इसे करना पड़ता है।
इस दौरान कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता से भी आशा मालवीय की मुलाकात हुई। कुलपति ने कहा कि इस दौर में साइकिल से इतनी लंबी यात्रा करना एक कठिन संघर्ष है। यह हमारे वीर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर एसपी सरुक्षा बीबी चौरसिया, जीएलए के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, डा. रोहित अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा, डा. हिमांशु शर्मा, डा. नेहा कुमारी, निहारिका सिंह, छात्रों में माधव, सौभाग्य ने साइकिलिस्ट का स्वागत किया।