पटना : दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाले में आरोपी मान लिया। अब इस मामले में तीनों के खिलाफ केस चलेगा। कोर्ट ने कहा, ‘लालू की जानकारी में टेंडर घोटाले की पूरी साजिश रची गई। टेंडर में उनका हस्तक्षेप था। इससे लालू परिवार को फायदा हुआ।’

उधर लालू ने इन आरोपों को निराधार बताया। यह मामला रांची और पुरी स्थित IRCTC की 2 होटलों के टेंडर में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। बिहार चुनाव के बीच यह फैसला लालू और आरजेडी के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

इससे पहले लालू व्हील चेयर पर कोर्ट पहुंचे। राबड़ी और तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे। लैंड फॉर जॉब्स मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में आज फैसला टला। कोर्ट अब 10 मई को फैसला सुनाएगा।

इधर, सुनवाई के बाद तेजस्वी यादव ने X पर लिखा- ‘जब तक दंगाई और संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है बीजेपी से लड़ते रहेंगे। एक महीना पहले बिहार आकर गृहमंत्री अमित शाह जी हमें धमकी दे रहे थे कि हमको चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम बिहारी है बिहारी, बाहरी से नहीं डरते।’

तेजस्वी बोले- यह सब राजनीतिक प्रतिशोध है

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हम इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हमने शुरू से ही कहा था कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आएंगे, ऐसी बातें होंगी। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और अदालत में अपनी बात रखेंगे। जिस व्यक्ति ने रेलवे को 90,000 करोड़ रुपए का मुनाफा दिया, जिसने हर बजट में किराया घटाया, वह ऐतिहासिक रेल मंत्री के रूप में जाने जाते हैं। हार्वर्ड और IIM के छात्र लालू जी से सीखने आए थे। उन्हें मैनेजमेंट गुरु कहा जाता है। बिहार और देश की जनता सच्चाई जानती है।’

आगे क्या, कितनी सजा मिलेगी

लालू,राबड़ी और तेजस्वी पर केस चलेगा। लालू यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप है। इसके अलावा, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगे हैं। अगर तीनों के खिलाफ आरोप साबित हुए तो इन्हें एक से 7 साल तक की सजा हो सकती है।

लैंड फॉर जॉब्स मामले में फैसला टला, अब 10 नवंबर को सुनवाई

लैंड फॉर जॉब्स मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में आज फैसला टला। कोर्ट अब 10 नवंबर को फैसला सुनाएगा। इस मामले की सुनवाई के पहले लालू, राबड़ी और तेजस्वी कोर्ट से चले गए थे। कोर्ट ने कहा था कि इनकी मौजूदगी जरूरी नहीं है।

लालू यादव राउज एवेन्यू कोर्ट से बाहर निकले

लैंड फॉर जॉब घोटाले के बारे में जानिए

CBI का कहना है कि ‘यह पूरी साजिश 2004 से 2009 के बीच रची गई, जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। जांच एजेंसी ने कहा कि इस दौरान लगभग सभी मामलों में नौकरी देने से पहले ही जमीनें ट्रांसफर की गईं और अधिकांश में गिफ्ट डीड तैयार कर ली गई थी।’

CBI ने आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि ‘जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी भल्ला यादव ने गांव में जाकर कहा था कि अपने परिजनों को नौकरी दिलाने के एवज में अपनी-अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दीजिए। लालू परिवार के नाम जमीन लिखने वाले सभी आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें लालू परिवार से नकद में भुगतान किया गया था।’

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