• जीएलए के नीरज ने 1200 से अधिक इंटर स्कूली छात्रों को किया मोटीवेट

मथुरा। एक हजार से अधिक छात्रों से खचाखच भरा हुआ हाॅल, नजरें सिर्फ मंच पर। सुनने को आतुर, चेहरे की लालिमा, ऊर्जा, कुछ जानने की ललक और चेहरे का ओझ देखते ही बन रहा था। इंतजार था सिर्फ मोटिवेशनल स्पीकर के द्वारा छात्रों को मोटीवेट करने का। जैसे ही जीएलए विश्वविद्यालय, मथरा के सीईओ एवं मोटिवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल मंच पर पहुंचे तो तालियों की गड़गड़ाहट स्वागत के लिए हाॅल में गूंज उठी।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा की प्रयास टीम द्वारा आगरा के सूरसदन हाॅल में आयोजित ‘सुनो तो अपने दिल की‘ कार्यक्रम में शहर के करीब 7 से अधिक इंटर स्कूल गणेश राम नगर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, सरस्वती विद्या मंदिर, सुमित राहुल गोल मैमोरियल स्कूल, राघवेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल, जीएस पब्लिक स्कूल, राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल, यूनिवर्सिटी पब्लिक स्कूल के 1200 से अधिक छात्र-छात्राओं सहित स्कूली षिक्षकों ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की लालिमा देखने लायक थी।
छात्र-छात्राओं को मोटीवेट करते हुए सीईओ एवं मोटिवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ने प्रेरणादायक षेर के के माध्यम से शुरुआत करते हुए कहा कि आगे वही बढ़ता है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है। आज इस कार्यक्रम में आधे से अधिक लड़कियां हैं। आने वाले 10 सालों में देश के प्रत्येक क्षेत्र में लड़कियां अपना परचम लहरा रही होंगी। आगे उन्होंने धीरू अंबानी के पेशन और लक्ष्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जितने बड़े लोग होते हैं वह हमेशां जिद्दी होते हैं, जो कि अपने लक्ष्य को साधकर चलते हैं। अर्जुन की तरह लक्ष्य साधने की जरूरत है, क्योंकि अर्जुन को उस दौरान सिर्फ मछली की आंख दिख रही थी, जो कि उनका एक लक्ष्य था और पूरा किया।
सफलता के लिए छात्रों को एक सन्देश के माध्यम से कहा कि विद्यार्थियों अगर कोशिश पूरी नहीं हो रही है तो यकीन मानिए पूरी कोशिश नहीं हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने एक सफल दिव्यांग की फोटो दिखाते हुए कहा कि यकीन मानिए कोई भी उम्मीद खो देना, हाथ पांव खो देने से कहीं अधिक बुरा है। अगर हम सभी को ईश्वर ने दो हाथ और दो पैरों से नवाजा है तो उनका प्रयोग करो और उम्मीद से कहीं अधिक आगे बढ़ने की कोशिश करो। श्री अग्रवाल ने अपने वक्तव्य को अंतिम रूप देते हुए कहा कि यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि ये करने या वो करने से कोई क्या सोचेगा। अरे कोई कुछ नहीं सोचेगा, जो करोगे वह अपने लिए करोगे। इसलिए आगे बढ़ने के लिए कुछ नया करना ही होगा।
अंत में सीईओ ने टीम प्रयास के वाइस प्रेसीडेंट साइबल चटर्जी और उनकी टीम को सुनो तो अपने दिल की कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि प्रयास टीम के माध्यम से ही इंटर स्कूली छात्रों को आगे के स्कोप के बारे में अत्यधिक जानकारी हासिल होती है। कार्यक्रम का संचालन साइबल चटर्जी ने किया। मोटिवेशनल स्पीकर के बारे में जानकारी डाॅ. अमित अग्रवाल ने दी।

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