जबलपुर : जबलपुर का रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कभी रिजल्ट तो कभी एग्जाम सेंटर को लेकर सुर्खियों में रहता है। अब विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है। यहां तीन मई को बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स के एग्जाम में रानी दुर्गावती के समाधि स्थल को मकबरा बता दिया गया। प्रश्नपत्र में पूछा गया कि रानी दुर्गावती का मकबरा कहां पर है?

पेपर में इस तरह का सवाल पूछे जाने से लोगों में आक्रोश है। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि अगर जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई और उन्होंने माफी नहीं मांगी तो प्रदर्शन किया जाएगा।

दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा- पता कर रहे हैं कि इस तरह की गलती कैसे हुई?

यूनिवर्सिटी में 3 मई को बीएससी सेकेंड ईयर का पेपर हुआ था, इसमें विवादित सवाल पूछा गया।

यूनिवर्सिटी में 3 मई को बीएससी सेकेंड ईयर का पेपर हुआ था, इसमें विवादित सवाल पूछा गया।

प्रश्न नंबर 42 में दिए थे चार ऑप्शन

बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स के पेपर में रानी दुर्गावती को लेकर प्रश्न नंबर 42 पूछा गया था। इसमें लिखा था- रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है? जवाब में छात्रों को चार ऑप्शन दिए गए थे- (a) बरेला (जबलपुर) (b) बम्हानी (जबलपुर), (c) चारगुंवा (जबलपुर) और (d) डंडई (जबलपुर)।

प्रश्न में समाधि स्थल की जगह मकबरा लिखा होने से छात्र कन्फ्यूज हो गए।

प्रश्न पत्र में पूछा गया कि रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?

प्रश्न पत्र में पूछा गया कि रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?

यह रानी दुर्गावती की वीरता का अपमान

यूनिवर्सिटी लेवल के एग्जाम में ऐसा प्रश्न पूछे जाने से स्टूडेंट्स, सामाजिक संगठन और इतिहास प्रेमी नाराज हैं। उनका कहना है कि वीरता और बलिदान की प्रतीक रानी दुर्गावती को ‘मकबरे’ से जोड़ना न केवल ऐतिहासिक अज्ञानता को दर्शाता है, बल्कि यह मातृ शक्ति और जन आस्था का भी अपमान है।

यूनिवर्सिटी ने कहा- यह बहुत बड़ी लापरवाही है

विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रश्मि टंडन ने कहा- रानी दुर्गावती से जुड़े प्रश्न में ‘मकबरा’ शब्द का उपयोग करना बहुत ही गलत है। हम सभी को पता है कि रानी दुर्गावती का समाधि स्थल है, न कि मकबरा। फिर भी इस तरह की गलती हुई है।

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