चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ स्थित अकाली दल के कार्यालय में रखी गई। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंतिम दर्शन के बाद उनका शव पैतृक गांव बादल ले जाया जा रहा है। जहां गुरुवार दोपहर 1 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बादल का जन्म आठ दिसंबर, 1927 को गांव अबुल खुराना (अब पाकिस्तान) हुआ था। उनका राजनीतिक सफर देश की आजादी के साथ ही 1947 में शुरू हुआ और वह 1952 में पहली बार चुनाव जीतकर गांव बादल के सरपंच बने। तब उन्हें सबसे कम उम्र के सरपंच बनने का खिताब मिला था।
बादल पहली बार 1957 में विधायक चुने गए थे। वह 11 बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का चुनाव जीते। बादल अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव (2022 के विधानसभा चुनाव) हारे थे। इस चुनाव में हार के बाद से ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी।
देश के सबसे बुजुर्ग नेता, 2 दिन का राष्ट्रीय शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, पंजाब की पूर्व CM राजिंदर कौर भट्ठल, हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला, पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की सांसद पत्नी परनीत कौर, भाजपा नेता सुनील जाखड़ समेत तमाम नेताओं ने बादल को श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिखकर शोक जाहिर किया।
प्रकाश सिंह बादल देश की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता थे। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान पूरे देश में लगा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सभी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। पंजाब में कल गुरुवार को सरकारी छुट्टी की घोषणा की गई है।