नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर जिले में पिछले सप्ताह दर्दनाक हादसा हो गया। जहां भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया। इस घटना में 288 लोगों की मौत हो गई जबकि 1100 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हो गए। सभी घायलों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। जिस समय दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया तोे बचाव दल ने घायलों कोे अस्पताल में भर्ती कराया और शवों को पास के एक स्कूल में रखा गया। अब उस स्कूल को लेकर पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। बच्चों में इस कदर खौफ है कि वे पढ़ाई के लिए वहां जाना भी नहीं चाहते हैं।

बता दें कि ट्रेन हादसे के बाद बालासोर जिले में स्थित बहानगा हाई स्कूल को अस्थाई मुर्दाघर में तब्दील कर दिया गया था। दो जून को हुए हादसे के बाद शवों को सबसे पहले 65 साल पुराने इस स्कूल की बिल्डिंग में रखा गया था। हालांकि बरद में सभी शवों को भुवनेश्वर में स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि स्कूल को पूरी तरह से साफ कर दिया गया। लेकिन इसके बावजूद उस स्कूल के बच्चे काफी दहशत में हैं।

धार्मिक अनुष्ठान करने की योजना

दरअसल ओडिशा के में बहनागा उच्च विद्यालय के छात्र अपनी क्लास में वापस आने से डर रहे हैं। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) ने राज्य सरकार से इमारत को गिराने की गुहार लगाई है क्योंकि यह बहुत पुरानी है। बहनागा उच्च विद्यालय की प्रिंसिपल प्रमिला स्वैन ने बताया, “छात्र डरे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि स्कूल ने “धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने और कुछ अनुष्ठान करने की योजना बनाई है।”

उन्होंने कहा कि स्कूल के कुछ वरिष्ठ छात्र और एनसीसी कैडेट भी बचाव कार्य में शामिल हुए थे। स्कूल और जन शिक्षा विभाग के निर्देश पर गुरुवार 8 जून को स्कूल का दौरा करने वाले बालासोर के जिलाधिकारी दत्तात्रय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा, “मैंने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों, प्रधानाध्यापिका, अन्य कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की है। वे पुरानी इमारत को तोड़कर उसका जीर्णोद्धार करना चाहते हैं ताकि बच्चों को क्लास में जाने में कोई डर या आशंका न हो।’’

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