नई दिल्ली : विश्व बैंक ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024 में खपत में नरमी के कारण भारत की जीडीपी कम होकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बता दें कि पहले देश की जीडीपी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। विश्व बैंक ने अपने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में कहा है कि खपत में धीमी वृद्धि और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों के कारण विकास दर के बाधित होने की आशंका है।

वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि पिछले फाइनेंशियल ईयर की दूसरी छमाही में कुछ नरमी के बावजूद भारत की GDP ग्रोथ के फ्लेक्सिबल रहने की उम्मीद है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत की रिटेल इन्फ्लेशन 6.6% से घटकर 5.2% हो जाएगी। वहीं करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) के भी फाइनेंशियल ईयर-24 में 5.2% रहने की उम्मीद है।

वर्ल्ड बैंक ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.6% से 6.3% किया
वर्ल्ड बैंक ने अपने FY 2023-24 के GDP ग्रोथ फोरकास्ट को रिवाइज कर 6.6% (दिसंबर 2022) से 6.3% कर दिया है। स्लोअर कंज्मप्शन ग्रोथ और चैलेंजिंग एक्सटर्नल कंडीशन के चलते GDP ग्रोथ के कम होने की उम्मीद है। बढ़ती बॉरोइंग कॉस्ट और स्लोअर इनकम ग्रोथ, प्राइवेट कंजम्पशन ग्रोथ पर असर डालेगी। वहीं महामारी से जुड़े फिस्कल सपोर्ट मेजर्स को वापस लेने के कारण सरकारी कंजम्पशन के भी धीमी गति से बढ़ने का अनुमान है।

विश्व बैंक के अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा के अनुसार अमेरिका और यूरोप के वित्तीय बाजारों में हालिया उथल-पुथल ने भारत सहित उभरते बाजारों में अल्पकालिक निवेश के प्रवाह के लिए जोखिम पैदा किया है। विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत का सेवा निर्यात अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था इससे अर्थव्यवस्था को बाहरी जोखिमों से बचने में मदद मिलेगी क्योंकि धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण देश के व्यापारिक निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है।

सर्विसेस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सुनील तलाती ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि मार्च 2024 तक सर्विसेस एक्सपोर्ट्स बढ़कर 375 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाएगा, जबकि मार्च 2023 को खत्म फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में यह 320-350 बिलियन डॉलर रहा था।’

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