- जीएलए के पुस्तकालय विभाग द्वारा आयोजित हुई कार्यशाला में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग का मिला सहयोग
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पुस्तकालय विभाग द्वारा सूचना संरक्षण एवं सुरक्षा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग एंड एप्लीकेशन विभाग के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला में साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक में अनुसन्धान को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं विषय विशेषज्ञ रिभु नाथ लवानियां ने डिजिटल प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी से बचने के समुचित संसाधनों के सदुपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि बैंक, ई-मेल, स्पैम कॉल, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से तीव्र गति से हो रहे साइबर अपराधों से समाज व खुद को सुरक्षित करने का एक सरल उपाय यह है कि किसी भी परिपक्वता के बिना अपनी गोपनीय जानकारी बिना किसी विशेषज्ञ से सलाह लिए बगैर साझा न करें। साथ ही उन्होंने कहा कि परिदृश्य को समझकर और अपने हाइब्रिड परिवेश में महत्वपूर्ण डेटा की पहचान करें। जोखिम भरे व्यवहार का पता लगाएं और संवेदनशील जानकारी को आकस्मिक रूप से साझा करने से रोकें। अपने डेटा को नियंत्रित करें स्वचालित रूप से डिलीट विकल्प को बनाए रखें और डेटा और रिकॉर्ड्स को सुरक्षित तरीके से संग्रहीत करें। अपनी एवं अपने परिवारजन की कोई भी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। अपने गुप्त पासवर्ड एवं ओटीपी आदि किसी को न बताएं। अपने पासवर्ड एवं दूसरी गुप्त जानकारी अपने कम्प्यूटर, ब्राऊजर आदि पर सेव न करें। अपने गुप्त पासवर्ड को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न शब्द अंक एवं दूसरी विधि का प्रयोग करें और उसको नियमित अंतराल पर बदलते रहें।
पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने सभी छात्रों और कार्यशाला में आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कार्यषाला का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा और डिजिटल डेटा में अनुसंधान को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में डेटा संग्रह उपकरण, खतरे की आहट का जानकारी के लिए डेटा स्कैनिंग तकनीक, डेटा एनालिटिक्स, मेमोरी के लिए फोरेंसिक टूल, मोबाइल फोन, नेटवर्क, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे विषयों के बारे में छात्रों और शिक्षकों के साथ जानकारी साझा की।
कार्यशाला समन्वयक अभय वशिष्ठ ने दैनिक जीवन में नई-नई तकनीक प्रयोगों पर चर्चा की और बताया कि छात्रों द्वारा अर्जित कौशल और क्षमताएं उनके पेशेवर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगी। हम अपने छात्रों को न केवल शिक्षार्थियों के रूप में, बल्कि नागरिक के रूप में भी शिक्षित करना चाहिए। इसलिए, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम में सर्वोत्तम प्रथाओं और सिद्धांतों को अपनाना महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला के समापन पर पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने मुख्य अतिथि रिभु नाथ लवानियां एवं अभय वशिष्ठ को डा. शिव सिंह ने स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया।