- साल 2025 को लेकर एक दिलचस्प संयोग सामने आया है, कहा जा रहा है कि ये साल 1941 से काफी मिला जुलता है, दोनों वर्षों की शुरुआत बुधवार से हुई थी
दैनिक उजाला, डेस्क : भारत में इस साल (2025) कई बड़ी घटनाएं हुई हैं। कुंभ भगदड़, पहलगाम अटैक, ऑपरेशन सिंदूर और अब अहमदाबाद प्लेन क्रैश। इन सभी घटनाओं के बीच साल 2025 के साथ-साथ साल 1941 की भी चर्चा की जा रही है। सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि यह साल 1941 जैसा ही है।
दरअसल, माना जा रहा है कि साल 2025 का कैलेंडर 1941 के कैलेंडर से मिल रहा है। आश्चर्य तो यह भी है कि सिर्फ कैलेंडर ही नहीं घटनाक्रम भी वैसे ही निर्मित होते जा रहे हैं। साल 1941 के इतिहास पर नजर डालें तो यह दौर वैश्विक उथल-पुथल का था एक आरे दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था तो वहीं दूसरी ओर अकाल, महामारी और आर्थिक संकट पैदा हो रहे थे। यही वह साल था जब अमेरिका जापान पर परमाणु बम से हमला करने की तैयारी कर रहा था, यानी दशकों पर यह साल इतिहास में दर्ज सबसे काले समय में से एक था। खास बात यह है कि वर्ष 2025 का यह साल इतिहास के उसी कालखंड को दोहरा रहा है। देखा जाए तो सिर्फ कैलेंडर की हर तारीख और हफ्ते ही मैच नहीं कर रहे हैं बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और चाल भी लगभग आसपास है।

937 में मार्च में जब शनि मीन राशि में आया था तब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो चली थी। – फोटो : Adobe Stock
ग्रह-नक्षत्र का योग
पीछे पलटकर देखें तो 1937 में मार्च में जब शनि मीन राशि में आया था तब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो चली थी। चीन ने जापान पर आक्रमण किया और धीरे-धीरे दुनिया में तनाव बढ़ता गया। फिर शनि ने मीन से मेष में प्रवेश किया था तो पर्ल हार्बर पर हमला हुआ था और इसके बाद जापान पर एटम बम गिराए गए थे। इसी दौरान बृहस्पति ग्रह भी अतिचारी गोचर कर रहे थे और कई तरह के अशुभ योग बने हुए थे।
महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले गुरु 7 राशियों में 7 वर्ष तक अतिचारी रहे थे, जिसके चलते महायुद्ध हुआ था। वर्तमान में गुरु के अतिचारी, शनि के मीन में गोचर और राहु के कुंभ में गोचर के दौरान देश और दुनिया का संपूर्ण परिदृश्य बदल गया है।
1941 का घटनाक्रम | |
प्लेन हादसा | 30 अक्टूबर को नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस का डगलस DC-3A-269 फार्गो के पास दुर्घटनाग्रस्त, 14 में से 15 लोग मारे गए। |
पर्ल हार्बर पर हमला | 7 दिसंबर को जापान ने अमेरिका पर हमला किया, 2,400 लोग मारे गए, अमेरिका विश्वयुद्ध में शामिल हुआ। |
ऑपरेशन बारबरोसा | जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया। युद्ध के कारण आर्थिक संकट पैदा हो गया था। |
माली में युद्ध | सैन्य, वैगनर ग्रुप और सशस्त्र गुटों की लड़ाई से हालात खराब हो चले थे। लोग भूख से मर रहे थे। |
ल्विव प्रोफेसरों का नरसंहार | नाजियों ने पोलैंड के वैज्ञानिकों और लेखकों की हत्या की थी। |
रुंबुला नरसंहार | होलोकॉस्ट यहूदियों की सामूहिक हत्या। |
माल्टा पर बमबारी | जर्मनी के बम गिराने से 50 लोग मारे गए। |
एसएस एंसेल्म जहाज डूबा | जर्मन पनडुब्बी ने ब्रिटिश जहाज डुबोया था। |
कई युद्ध शुरू हुए | वेक आइलैंड, मलाया, फिलीपींस, हांगकांग की लड़ाइयां हुईं, भारी नुकसान हुआ। |
बटान डेथ मार्च | फिलीपींस में हजारों लोग मारे गए। |

अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 क्रैश – फोटो : adobe
2025 का घटनाक्रम | |
प्लेन हादसा | अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 क्रैश, 242 में से 241 लोग मारे गए। |
रूस-यूक्रेन युद्ध | रशिया और यूक्रेन का युद्ध यूं तो 3 साल से चल रहा है लेकिन वर्तमान में इसने भयानक रूप ले लिया है। |
भारत पाकिस्तान में तनाव | कश्मीर में 22 अप्रैल 2025 में आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान की ओर से हुए इस आतंकी हमले के बाद मई में दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन से युद्ध से हालात बनें। |
इजरायल और ईरान | जून 2025 में इजरायल ने तेहरान पर हमला किया जिससे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है जबकि इजरायल गाजा युद्ध पहले ही चल रहा है। |
चीन और ताइवान में तनाव | ताइवान के मुद्दे पर तनाव, युद्ध की आशंका। |
जन विद्रोह और तख्ता पलट | इस समय कई देशों में जनविद्रोह, आंदोलन और सत्ता परिवर्तन हो रहे हैं। |
प्राकृतिक आपदाएं | ऑस्ट्रेलिया में चक्रवात अल्फ्रेड, जॉर्डन में बाढ़, सऊदी अरब में धूल भरी आंधी, ट्यूनीशिया और कुवैत में खराब मौसम, ग्लेशियर का पिघलना आदि कई प्राकृतिक आपदाओं से विश्व परेशान है। |
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