मथुरा। एक लंबे समय बाद किसी भी परिवार के सदस्य से मिलकर जो अपनापन और आनंद की अनुभूति होती है, ठीक उसी प्रकार एक संस्थान से साथ-साथ पढ़कर निकले अपने सहपाठियों से अचानक मिलकर विश्वविद्यालय की यादें और वो शिक्षकों की बातें सब कुछ भुलाकर दिलों-दिमाग पर आ जाती हैं। ऐसा ही नजारा जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा द्वारा आयोजित गेट टू गेदर कार्यक्रम में देखने को मिला।
जीएलए विश्वविद्यालय के मुंबई-पुणे अल्यूमिनाई चैप्टर के तहत एक निजी होटल में गेट-टू-गेदर कार्यक्रम आयोजित हुआ। जहां विश्वविद्यालय के 2004 से 2014 तक के 50 से अधिक अल्यूमिनाई एकजुट हुए। सभी अल्यूमिनाई का स्वागत सत्कार जीएलए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं एनआरडीएन मथुरा चैप्टर के प्रेसीडेंट नीरज अग्रवाल ने किया। स्वागत के बाद जिस प्रकार से एक लंबे अरसे बाद कोई परिवार का सदस्य जब अपने से मिलकर भावुक हो जाता है, ठीक इससे इतर एक नजारा अल्यूमिनाई के बीच देखा गया। सभी ने एक दूसरे से हाथ मिलाकर अभिवादन किया और विष्वविद्यालय की पुरानी यादों को तरोताजा करते हुए बहुत लंबी बातें कीं।
जीएलए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नीरज अग्रवाल ने सभी अल्यूमिनाई के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए सभी अल्यूमिनाई के कार्य और उनके रोजगार से जुड़े पहलुँओं के बारे में जानकारी ली। अल्यूमिनाई के साथ आये पारिवारिक सदस्यों से भी बात की। इंडियन आर्मी में मेजर, बार्कलेज और ड्यूष बैंक में असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट, आईबीएम साॅफ्टवेयर लैब में क्वालिटी लीड, मीडिया ओशियन में सीनियर मैनेजर, विप्रो टेक्नोलाॅजी में टेक्नीकल लीड, टाटा मोटर्स में सीनियर मैनेजर, कैपजेमिनी में कंसल्टेंट सहित विभिन्न कंपनियों में अच्छे पदों पर तैनात अल्यूमिनाई ने अपने द्वारा विभिन्न प्रोजेक्टों पर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।
सभी अल्यूमिनाई से मिलकर खुश नजर आये नीरज अग्रवाल ने कहा कि वह जब भी जीएलए विश्वविद्यालय से काॅरपोरेट विजिट पर निकलते हैं, तो भी वह अपने अल्यूमिनाई से मिलते हैं, लेकिन विजिट पर कम संख्या में ही मुलाकात हो पाती है। इसलिए विश्वविद्यालय के अल्यूमिनाई रिलेशन सेल द्वारा गेट टू गेदर या फिर अल्यूमनी मीट कार्यक्रम अक्सर आयोजित कराये जाते हैं। जिससे सभी एकजुट हों और यादें तरोताजा हों।
सीईओ ने बताया कि जीएलए के अल्यूमिनाई विदेशों में तो अपनी सेवाएं दे ही रहे हैं, बल्कि भारतीय कंपनियों में भी सेवाएं देने वाले अल्यूमिनाई को अक्सर विदेशों का भी रूख करना होता है। कुछ अल्यूमिनाई ऐसे हैं, जो कि कंपनी के कार्यों से अधिकतर समय विदेशों में ही देते हैं। आने वाले 5 से 10 वर्षों में लगता है कि हमारे छात्र अब सीटीओ, कंपनी स्ट्रेटेजिक पार्टनर सहित कंपनियों के संस्थापक भी होंगे, जो कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार का सृजन बनेंगे।
अंत में सीईओ ने जीएलए अल्यूमिनाई रिलेशन विभाग की मैनेजर गीतांजली शर्मा और उनकी टीम को एक बेहतर कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया।