- इनोवेशन की रैकिंग में जीएलए को मिला टाॅप 50 श्रेणी में स्थान
मथुरा : एनआईआरएफ की रैंकिंग में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने इनोवेशन की श्रेणी में देश की सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटीज में टाॅप 50 में स्थान प्राप्त किया है। इस रैंक की प्रमाणिकता दर्शाती है कि जीएलए यूनिवर्सिटी न्यूजेन आईईडीसी, ई-सेल, आईआईसी और स्पार्कएल टीबीआई के माध्यम से छात्रों के बीच इनावेषन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। वहीं देश के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में जीएलए के फार्मेसी विभाग ने भी 54वीं रैंक हासिल की है।
बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग को जारी किया गया। इस रैंकिंग में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने टाॅप 50 की रैंक सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। जबकि निजी विश्वविद्यालय श्रेणी में शीर्ष 12 में शामिल हो गया है। यह रैंक भारत के प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों को छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच इनोवेशन और उद्यमिता विकास से संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रदान की गयी है। वहीं इस बार फार्मेसी विभाग ने भी उत्कृष्ट पायदान पर पहुंचते हुए 54वीं रैंक हासिल की है। जबकि पिछले वर्ष 69वीं रैंक हासिल हुई थी।
विदित रहे कि विश्वविद्यालय में जीएलए इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से 41 स्टार्टअपों की शुरुआत हो चुकी है। जिनमें से 10 स्टार्टअप देश के विभिन्न राज्यों में संचालित हैं तथा 37 स्टार्टअप विश्वविद्यालय से ही लोगों के साथ जुड़कर बेहतर सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा जीएलए में स्थापित इन्क्यूबेटर केन्द्र के माध्यम से आगामी वर्शों में 100 से अधिक स्टार्टअप को वित्तीय सहायता के रूप में 2 लाख 25 हजार से लेकर साढे़ 7 लाख तक प्रदान कर बढ़ावा देने पहल की है।
कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय में अब तक 122 इनोवेटिव प्रोटोटाइप तैयार किए जा चुके हैं। जीएलए में अब भी 41 स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिसमें 15 से अधिक टीमें अपना रजिस्ट्रेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करा चुकी हैं। कुछ टीमें अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रयासरत हैं। जीएलए में कार्यरत स्टार्टअप टीमों को आवश्कतानुसार ट्रेडमोलेन ई-साइकिल प्रा.लि, फूड़वागोन प्रा.लि, साइबर इमपोस्टर्स को आर्थिक सहायता प्रदान की है। स्टार्टअप लांच पैड में पंजीकृत ट्रेडमोलेंन ई-साइकिल प्रा.लि, द्वारा ट्रेड ई-साइकिल का निर्माण किया जा रहा है। फूड़वागोन प्रा.लि, द्वारा रेहड़ी फुटपाथ पर ठेले लगाने वालों के लिए अत्याधुनिक ठेले का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले 5 वर्षों में विश्वविद्यालय ने 430 पेटेंट दायर किए हैं, जिनमें से 400 प्रकाशित हो चुके हैं, 40 स्वीकृत हो गए हैं।
जीएलए इन्क्यूबेशन सेंटर के निदेशक डाॅ. मनोज कुमार ने विश्वविद्यालय को मिली उपलब्धि पर कहा कि एनआईआरएफ-इनोवेशन रैंकिंग भारत में नवाचार और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर अकादमिक संस्थानों को रैंक करती है। जबकि जीएलए यूनिवर्सिटी न्यूजेन आईईडीसी, ई-सेल, आईआईसी और स्पार्कएल टीबीआई के माध्यम से छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।
इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, टीम में शामिल वरिष्ठ प्रबंधक रवि तिवारी, जितेन्द्र कुमार, अभिषेक प्रताप गौतम सहित विश्विविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों के प्रयासों को सराहा है।