मथुरा : विशालतम मंदिर रंगनाथ की गुरुवार को रथ यात्रा निकाली जा रही है। भगवान रंगनाथ (विष्णु जी) माता गोदा ( लक्ष्मी जी) 52 फीट ऊंचे चंदन की लकड़ी से बने रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। अद्भुत कला से बने इस विशाल रथ को हजारों भक्त खींच रहे हैं। इनमें सबसे आगे डीएम पुलकित खरे और एसएसपी मथुरा शैलेश पांडेय हैं। इस रथ यात्रा में करीब 2 लाख भक्तों की मौजूदगी का अनुमान है।

करीब 1200 मीटर की यह यात्रा पूरा करने में लगभग 4 घंटे का समय लगेगा। इसके बाद यहां करीब 1 घंटे तक विश्राम करने के बाद भक्त दोबारा भगवान के रथ को खींचेंगे। भक्त 1200 मीटर रथ को खींच कर वापस रथ घर ले कर पहुंचेंगे।
रथ यात्रा करने के बाद भगवान की सवारी पालकी में विराजमान कर मंदिर परिसर में स्थित शुक्रवारी बगीचा ले जाई जाएगी। जहां भगवान को रथ यात्रा में हुई थकान को दूर करने के लिए फव्वारों के बीच विराजमान किया जायेगा।
रंगनाथ भगवान की रथ यात्रा विधि विधान से वैदिक मंत्रों के बीच होने वाली पूजा की गई। मंदिर के पुरोहित विजय मिश्र रथ यात्रा की शुरुआत से पहले पूजा अर्चना की।

सालभर में एक दिन भगवान रंगनाथ रथ पर विराजमान होते हैं
रंगनाथ मंदिर के पश्चिमी द्वार के पास एक करीब 60 फीट ऊंचा गैराज बना है। इसी गैराज को रथ घर कहा जाता है। यहीं 52 फीट ऊंचा भगवान रंगनाथ का रथ रखा है। इस रथ में ब्रह्मोत्सव के दौरान साल में एक बार भगवान रंगनाथ ( विष्णु जी), माता गोदा ( लक्ष्मी जी) के साथ विराजमान होते हैं। रथ में विराजमान भगवान के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं।
भगवान रंगनाथ का यह रथ अपने आप में कला का एक बेहतरीन नमूना है। लकड़ी पर की गई आकर्षक कलाकारी इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती है। कलाकारों ने लकड़ी पर मेहराब, घंटी, परियों के अलावा भगवान के अलग-अलग स्वरूप की आकृति बनाई है। रथ के हर हिस्से पर बनी कलाकृति इस तरह नजर आती है जैसे वह सजीव हो।