• छत्रपति शिवाजी महाराज ने 8 शादियां की थीं, 3 अप्रैल, 1680 को गंभीर बीमारी की वजह से छत्रपति शिवाजी का निधन हो गया

नई दिल्ली: छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। उनके शासनकाल में मराठों ने मुगल साम्राज्य की जड़ें हिला दी थीं। मुगल बादशाह औरंगजेब भी शिवाजी की वीरता की तारीफ करता था। शिवाजी महाराज और उनकी सेना गोरिल्ला युद्ध में माहिर थी, जिससे मुगल सैनिकों में डर का माहौल होता था।

इस समय क्यों चर्चा में शिवाजी?

शिवाजी इस समय इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि ये महीना (अप्रैल) उनकी पुण्यतिथि का है। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह  महाराष्ट्र के रायगढ़ किले पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इससे पहले अमित शाह ने कहा, ‘हिन्दवी स्वराज के संस्थापक, महान धर्मध्वज रक्षक, सेवा और शौर्य की प्रतिमूर्ति छत्रपति शिवाजी महाराज जी की पुण्यतिथि पर उनका वंदन करता हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज ने देशवासियों के मन में स्वधर्म और स्वसंस्कृति के प्रति गौरव के भाव को मजबूत बनाकर मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरित किया। हिन्दवी स्वराज की संकल्पना को साकार बनाने वाले शिवाजी महाराज ने जनसेवा के जो मूल्य स्थापित किए थे, वे चिरस्मरणीय रहेंगे।’

शिवाजी की कितनी पत्नियां थीं?

छत्रपति शिवाजी की 8 पत्नियां थीं, जिसमें साईबाई उनकी पहली पत्नी थीं। साईबाई से ही शिवाजी को संभाजी नाम का बेटा हुआ, जिसने बड़े होकर औरंगजेब की नाक में दम कर दिया। इसके अलावा शिवाजी की पत्नियों में सोयराबाई, पुतलाबाई, सकवरबाई गायकवाड़, काशीबाई जाधव, मोहिते, संगुनाबाई और पालकर थीं।

शिवाजी और सोयराबाई से राजाराम नाम के बेटे का जन्म हुआ था। जो छत्रपति संभाजी महाराज की मौत के बाद छत्रपति बने थे। 

शिवाजी महाराज के निजी जीवन के बारे में भी जानिए

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फ़रवरी, 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोंसले बीजापुर के सेनापति थे और उनकी माता जीजाबाई एक धर्मपरायण महिला थीं। शिवाजी ने अपनी मां से ही सारे गुण सीखे और युद्ध कौशल विकसित किया।

शिवाजी का 3 अप्रैल, 1680 को रायगढ़ किले में गंभीर बुखार और पेचिश के कारण मौत हो गई थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा और हिंदुत्व के उदय के लिए लगा दिया। मुगल साम्राज्य भी उनकी वीरता का लोहा मानता था। 

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