नई दिल्ली : भारत ने बंगाल हिंसा पर बयानबाजी कर रहे बांग्लादेश से कहा है कि वह भारत के मसलों में दखल देने की बजाय अपने यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा पर फोकस करे।

दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी ने कहा था कि भारत को उन अल्पसंख्यक मुस्लिमों की रक्षा करनी चाहिए, जो पिछले हफ्ते बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा से प्रभावित हुए हैं।

इसके साथ ही उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि इस हिंसा को भड़काने में बांग्लादेश का हाथ है।

भारत ने शुक्रवार को इस बयान का कड़ा विरोध किया है। भारत ने कहा कि बांग्लादेश का यह बयान धूर्तता और कपट से भरा है। वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के नरसंहार से ध्यान भटकाना चाहता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,

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पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को हम खारिज करते हैं। बांग्लादेश इस तरह के बयान दे रहा है, जबकि वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले अपराधी आजाद घूम रहे हैं।QuoteImage

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर इस साल 72 हमले

बांग्लादेश में बीते कुछ समय से अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले महीने संसद में बताया था कि 2024 में बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू होने के बाद अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न की 2400 घटनाएं हुई। इस साल अब तक ऐसी 72 घटनाएं हो चुकी हैं।

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