नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां और प्रचार जोरों पर है। सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों ने राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा सीट में 150 सीटों पर जीत हासिल करने का टारगेट रखा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में असली लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच है। और जेडीएस इसमें किंग मेकर का रोल अदा करेगी। भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने भगवा चोला छोड़ हाथ का साथ पकड़ लिया है तो कुछ जेडीएस के साथ चले गए। भाजपा के लिए जीत की डगर कुछ कठिन है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, बसपा और रेड्डी बंधु की पार्टी भी किस्मत आजमा रहीं है। इनके पास खोने को तो कुछ नहीं है पर मिलने को बहुत कुछ है। इसी बीच कांग्रेस ने एक शतरंज की चाल चली है। सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहाकि, CPI ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहाकि, हमने CPI से संपर्क किया और उनके केंद्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया। उन्होंने हमारी बात से सहमति जताते हुए हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए बात मानी। हमारे और CPI के बीच 7 सीटों में फ्रेंडली चुनाव होंगे और बाकी 215 सीटों पर उन्होंने हमको बिना शर्त समर्थन देने का वादा किया है।
कर्नाटक में 30 जिले हैं और 224 विधानसभा सीटें है। राज्य की 224 सीटों में से 51 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसमें 36 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए हैं तो 15 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। 173 विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं।