अयोध्या : अयोध्या में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, तापमान गिरकर 3°C तक रिकॉर्ड किया जा चुका है। इस ठंड से हर कोई बेहाल है। रामलला को भी ठंड से बचाव के लिए अब ऊन से बने कपड़े पहनाए जाएंगे। कुल्लू हिमाचल के ऊन से बनी धोती और लद्दाख की पश्मीना ऊन से बने अंग वस्त्र अयोध्या पहुंच गए हैं, जिन्हें अब रामलला को पहनाया जाएगा।

अभी तक रामलला को पश्मीना शॉल ओढ़ाई जा रही है और रेशमी वस्त्र धारण कर रहे हैं। हालांकि, अब ठंड बढ़ने के साथ ही कुल्लू हिमाचल के ऊन से बनी धोती और लद्दाख की पश्मीना ऊन से बने अंग वस्त्र पहनाए जाएंगे।

दिल्ली से ऊनी वस्त्र लाकर ट्रस्ट को सौंपा हफ्ते में सातों दिन के लिहाज से तैयार विशेष ऊनी वस्त्र दिल्ली से अयोध्या पहुंच गए हैं। रामलला के वस्त्रों के डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया- वस्त्र को खूबसूरत डिजाइन से तैयार किया गया है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, वैसे-वैसे भगवान के वस्त्रों में भी बदलाव किया जाएगा।

भगवान की धोती भी पश्मीना या कुल्लू हिमाचल के ऊन से तैयार की गई है। रामलला के दो अंगवस्त्र एक जो उनके कंधे पर लहराता है और दूसरा उनके हाथ में रहता है, उसे ही लद्दाख के पश्मीना के ऊन से बनाया गया है। ऊनी वस्त्र को ट्रस्ट को सौंप दिया गया है, जल्द ही रामलला इसे धारण करेंगे।

ये रामलला का रविवार यानी आज का शृंगार है।

ये रामलला का रविवार यानी आज का शृंगार है।

रामलला को सुबह पोहा या देसी घी का हलवा परोसा जा रहा

राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया- ठंड बढ़ने के साथ ही रामलला का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। भोर में मंगला आरती से पहले पेड़ा और मेवा का भोग लगाया जाता है। इसी तरह शृंगार आरती के समय सुबह 7.30 बजे फल और मेवा का भोग लगता है। इसी तरह सुबह 9 बजे पोहा या देसी घी का हलवा और दोपहर 12 बजे राजभोग में पूरा भोजन प्रसाद और खीर परोसा जा रहा है।

फिर भगवान के विश्राम के बाद दोपहर 1.30 बजे मिष्ठान और जल दिया जाता है। शाम 4 बजे बदल-बदल कर विशेष तरह के नाश्ते का भोग लगता है। इसके साथ भगवान को नारियल पानी या फलों का जूस दिया जाता है।

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