मथुरा : मथुरा वृंदावन नगर निगम ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन मथुरा रिफाइनरी पर लगाए गए टैक्स की राशि वसूल कर ली है। यह पहली बार है जब रिफाइनरी को टैक्स के रूप में राशि जमा करानी पड़ी है। निगम द्वारा नोटिस देने और खाता सीज कराने के बाद रिफाइनरी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने रिफाइनरी को राहत देने की बजाय जल्द से जल्द टैक्स जमा कराने के आदेश दिए थे।

मथुरा-वृंदावन नगर निगम का इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन मिुरा रिफाइनरी पर वर्ष 2021 से 2023 तक का टैक्स के रूप में 80 लाख रूपए बकाया था। जिसको जमा कराने के लिए रिफाइनरी के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया। लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो नोटिस जारी कर दिया गया था। इसके बावजूद नोटिक की तिथि निकल गई।

नोटिस का कोई जवाब न मिलने पर नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने रिफाइनरी का मथुरा स्टेट बैंक में खाता सीज करा दिया था। जिससे रिफाइनरी और नगर निगम में विवाद और बढ़ गया। इसके बाद रिफाइनरी प्रबंधन ने हाईकोर्ट की शरण ली। जहां कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद न्यायालय के नगर निगम के खाता सीज करने के पक्ष को सही माना। इसके बाद कोर्ट ने रिफाइनरी के अधिकारियों को आदेश दिया कि 15 दिन में प्रार्थना पत्र निगम को देकर निस्तारण कराएं और जल्द से जल्द टैक्स की राशि जमा कराएं।
रिफाइनरी प्रबंधन ने कोर्ट में कहा कि उनका संस्थान भारत सरकार के 243 एच आर्टिकल के मुताबिक सभी प्रकार के टैक्स से मुक्त है। इसलिए वह नगर निगम के टैक्स को जमा नहीं करेंगे। वहीं नगर निगम ने कोर्ट में कहा कि यह आदेश केवल सेंट्रल के टैक्स के लिए लागू है स्टेट गवर्नमेंट और स्थानीय निकाय पर लागू नहीं होता।

इसके साथ ही नगर निगम ने कोर्ट में एक नया आदेश रखते हुए कहा कि लोक बॉडी अपने सभी प्रकार के टैक्स वसूलने के लिए सक्षम है। हाईकोर्ट ने नगर निगम की दलील को सही ठहराते हुए रिफाइनरी को टैक्स अदा करने के आदेश दिए।

पहली बार हुआ टैक्स का भुगतान

इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन मथुरा रिफाइनरी ने शुक्रवार की देर शाम नगर निगम के खाते में 80 लाख रूपए जमा कर दिए। मथुरा रिफाइनरी के द्वारा पहली बार नगर निगम को टैक्स का भुगतान किया।

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