लखनऊ : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में भूमि समेकन के साथ साथ चकबंदी की तमाम प्रक्रियाओं को मशीन लर्निंग (एमएल) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी आधुनिक तकनीकी बेस्ड सॉफ्टवेयर के जरिए क्रियान्वित करने की तैयारी कर ली है।

इस सिलसिले में यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने एआई बेस्ड एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर के निर्माण व क्रियान्वयन की प्रक्रिया जारी है।

सॉफ्टवेयर के डिजाइन, निर्माण, विकास के लिए टेक्निकल सर्विस प्रोवाइडिंग (टीएसपी) एजेंसी की नियुक्ति का प्रोसेस शुरू हो चुका है और ई-टेंडरिंग से एप्लीकेशन मांगे गए हैं।

टेक्निकल सर्विस प्रोवाइडिंग एजेंसी चकबंदी से जुड़ी प्रक्रियाओं के के लिए जो सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है वह सैटेलाइट इमेज एक्सेस, रोवर सर्वे, डीजीपीएस, नाविक, ब्लॉकचेन डाटा एक्सेस जैसी नेक्स्ट-जेन टेक्नॉलोजी से लैस होगा। इससे चकबंदी के ऑटोमेशन, डिजिटाइजेशन तथा वाद निस्तारण के साथ साथ कई काम जीरो-एरर के साथ हो सकेंगे।

इस सॉफ्टवेयर में डाटा कलेक्शन के साथ ही समस्या के समाधान के लिए रियल टाइम एक्सेस जैसे आप्शन होंगे। जिससे प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटीज में काफी सुधार होगा। इससे सबसे बड़ी सहूलियत ये होगी कि जिस गांव में भूमि समेकन के प्रोसेस को पूरा करने में कई महीने लग जाते हैं वहीं इस सॉफ्टवेयर की मदद से मैप व डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड्स के एसेसमेंट के इसे काफी कम समय में पूरा किया जा सकेगा।
यह सॉफ्टवेर चक के एक्सचेंज रेशियो कैल्कुलेशन, एक्सचेंज रेट पैरामीटर इवैल्युएशन और वेक्टर मैप पर चक के उकेरे जाने जैसे प्रोसेस को इस सॉफ्टवेयर के साथ पूरा किया जा सकेगा।

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