लखनऊ : यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा का जनाधार तेजी से खिसक गया। इसके चलते यूपी में बसपा एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। दूसरी ओर चुनाव परिणामों की समीक्षा के दौरान ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर से पार्टी का नेशनल क्वार्डिनेटर बना दिया। राजनीति के जानकारों की मानें तो बसपा सुप्रीमो मायावती भतीजे आकाश आनंद के सहारे यूपी की राजनीति में एक बार फिर से पुराना जनाधार हासिल करना चाहती हैं। इसीलिए उन्होंने यूपी में उपचुनाव और साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम बढ़ाया है।

लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा ने यूपी की सभी 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। इस दौरान मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को यूपी की कमान सौंपते हुए स्टार प्रचारक भी बनाया। आकाश की पहली सभा नगीना लोकसभा सीट पर लगायी गई। जहां सर्वाधिक दलित खासकर जाटव आबादी के लोग रहते हैं।

आकाश एक दिन में दो से तीन सभाएं कर रहे थे, लेकिन सीतापुर में उनकी जुबान से निकले एक शब्द ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। इसके बाद मायावती ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया। इतना ही नहीं सात मई को अपरिपक्व बता कर उत्तराधिकारी के साथ ही राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर के पद से मुक्त कर दिया।

लोकसभा चुनाव में भले ही बसपा को एक भी सीट न मिली हो, लेकिन आकाश आनंद की सभाओं और उनके भाषणों ने युवाओं में जोश भरने का काम जरूर किया। मायावती ने मई में भले ही उन्हें दोनों पदों से मुक्त कर दिया था, लेकिन उनकी वापसी की मांग अंदरखाने में लगातार चलती रही।
राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र श्रीवास्तव की मानें तो माना जा रहा था मायावती ने एक सोची समझी चाल के तहत उन्हें हटाया है। जिससे लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा आकाश पर न फोड़ा जाए। शायद यही वजह रही कि उन्होंने आकाश पर फिर भरोसा जताते हुए जिम्मेदारियां दी हैं।

काडर संभालने के लिए युवा चेहरा जरूरी
मायावती अच्छे तरीके से जानती हैं कि काडर को संभाले रखने के लिए पार्टी की ज़िम्मेदारी युवा हाथों में होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले फिर आकाश को मैदान में उतारा है। हालांकि अब मिशन 2027 के लिए आकाश के सामने खोया जनाधार पाने की चुनौती होगी। इसका आधार ये है कि खराब परिस्थितियों में भी 19 फीसदी मत पाने वाली बसपा लोकसभा चुनाव 2024 में घटकर 9.39 फीसदी पर पहुंच गई। इससे यह तो साफ है कि बसपा का मूल वोट बैंक खिसक रहा है।

जनाधार रोकने के मंथन के बीच आकाश बने नया चेहरा
बीते दिनों लखनऊ में बसपा ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा की। समीक्षा के बाद यह बात सामने आयी कि 16 सीटों पर बसपा का मूल आधार वोट बैंक इंडिया ब्लॉक में शिफ्ट हो गया है। इसके बाद से पार्टी के अंदर मंथन का दौर शुरू हुआ कि कैसे खिसकते हुए जनाधार को रोका जाए। मायावती ने फीडबैक के आधार पर आकाश आनंद को कमान देकर जनाधार रोकने की रणनीति तैयार की है। साथ ही समाज को यह संदेश भी दिया है कि उनकी पार्टी का भावी नेता बिरादरी का ही होगा। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को युवा और नया चेहरा मिल गया। इससे माना जा रहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह बढ़ेगा तो जनाधार भी बना रहेगा।

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