- बलदेव रात्रि को कोई गस्त नहीं, पुलिस अपने आवासों पर मस्त
- सातों चोरियों में चोरों ने किया लाखों का माल पार, पुलिस सोती रहती
दैनिक उजाला, बलदेव : मथुरा जिले के बलदेव कस्बा में चोरों ने पुलिस को खुली चुनौती दे रखी है। हालात ये हैं कि पिछले करीब 20 दिनों से चोरों ने 7 घरों से चोरी कर लाखों का माल पार कर दिया, लेकिन बलदेव एसओ सिर्फ अपनी खूबियां लोगों को गिनाने में लगे हैं। पुलिस की कोई गश्त कस्बा में देखने को नहीं मिल रही है।
बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत चोरों के आतंक को लेकर लोगों में सुबह और शाम चर्चा हो रही है कि अभी तक चोरी की कोई ऐसी वारदात कस्बा में नहीं होती थी, लेकिन पता नहीं ये चोर कहां से और कैसे हैं कि अधिकतर खाली घरों को ही निशाना बनाने में जुटे और पुलिस रात को खर्राटे भरकर सो रही है और चोर जागकर पुलिस खुली को चुनौती देने में लगे हैं।

विदित रहे कि ताजा मामला नीवरी रोड निवासी देवेंद्र कुमार पांडेय के गांधी रोड स्थित मकान का है। चोर उनके मकान में पीछे से औढ़ा लगाकर घुसे। उन्होंने बक्सों में रखा सामान चुरा लिया। चोरों ने मकान से 50 हजार रुपए नकद, चांदी के पांच सिक्के, पांच चांदी की गिन्नी, एक सोने की अंगूठी और अन्य घरेलू सामान चुरा लिया। मकान में सारा सामान बिखरा मिला और बक्से टूटे हुए थे। पीड़ित ने बलदेव थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

इससे बीते दिनों एक भाजपा नेता के यहां पुराने डाकखाने रोड़ पर चोरी की वारदात को चोरों ने अंजाम दिया, लेकिन इस मामले में पुलिस खाली हाथ है। इससे पहले चोरों ने स्टेट बैंक रोड़ पर नटवर लाल पांडेय के यहां अनाज की चोरी की घटना को अंजाम दिया। इसमें भी पुलिस कुछ न कर सकी। यानि 20 मई से अब तक यह सातवीं चोरी की घटना है। पुलिस अभी तक एक भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई है। इससे चोरों के हौसले बढ़े हुए हैं।
एसओ अपनी खूबियां गिनाने से नहीं थकते
खूबियां के बारे में लोगों ने एसओ से खुद सुना है। हलधर विद्यापीठ गेट मामले में एक व्यक्ति एप्लीकेशन लेकर गया, तो एसओ साहब ने उस दौरान तमाम अपनी खूबियां लाद दीं। ऐसे कई लोगों से भी सुनने को मिल सकता है।
पुलिस नहीं करती कोई गश्त
अधिकांश देखा जाता है कि अधिकतर पुलिस बलदेव रजवाहा चौराहे पर खडे़ होकर वाहनों को तो पकड़ते हुए देखी जा सकती है या फिर चौराहे पर इधर-उधर डायल 112 खड़ी रहती है। यहां भी पुलिसकर्मी आराम फरमाते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन रात्रि को पता नहीं क्यों पुलिस गश्त करने से कतराती है। पुलिस की शाम चौराहे पर महफिल जमी रहती है।