दैनिक उजाला, एजुकेशन डेस्क : NEET एग्जाम में गड़बड़ियों को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोरकार्ड निरस्त होंगे। इसके बाद बिना ग्रेस मार्क्स के स्कोर कार्ड जारी किए जाएंगे।
याचिकाकर्ताओं ने NEET परीक्षा में 1563 कैंडिडेट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स पर आपत्ति जताई थी। NTA ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 10, 11 और 12 जून को बैठक की। कमेटी ने सुझाव दिया है कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स के स्कोरकार्ड निरस्त किए जाने चाहिए और इनके लिए दोबारा परीक्षा कराई जानी चाहिए। इन स्टूडेंट्स को उनके बगैर ग्रेस मार्क्स वाले ओरिजिनल स्कोर भी बताए जाने चाहिए।
एग्जाम में गड़बड़ी की शिकायत पर कई राज्यों के हाईकोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं। ऐसे में जहां भी ग्रेस मार्क्स को लेकर याचिका लगाई गई है वहां सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाओं पर सुनवाई हुई
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को NEET UG 2024 रिजल्ट को चुनौती देने वाली 3 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इनमें 3 मांग की गई थीं…
- परीक्षा में शामिल 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए जो गलत है।
- मौजूदा रिजल्ट के बेस पर हो रही काउंसलिंग को रोका जाए।
- NEET परीक्षा रद्द की जाए और एग्जाम दोबारा कराया जाए।
- इनमें से गुरुवार को ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुनवाई हुई है। वहीं पेपर लीक के आरोप की याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- पेपर लीक के कोई सबूत नहीं
केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘NTA पर भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। यह एक बहुत ही विश्वसनीय संस्था है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है और हम उसके निर्णय का पालन करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो।’