नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने ट्रेन हादसों को रोकने के लिए चरणबद्ध तरीके से कवच सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। अगले पांच वर्षों में 44,000 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर इसे लगाया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि रेल मंत्रालय की ओर से कैबिनेट सचिव को हाल ही में दी गई सूचना में कहा गया कि भारतीय रेलवे कवच सुरक्षा सिस्टम को अगले पांच वर्षों में 44,000 किलोमीटर के ट्रैक पर लगाएगी।

रेलवे मौजूदा समय में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर कवच सिस्टम लगाने को लेकर काम कर रहा है। अतिरिक्त 6,000 किलोमीटर ट्रैक पर कवच सिस्टम लगाने के लिए टेंडर इस साल के अंत तक निकाला जा सकता है। कवच 4.0 पर केंद्रित एक समीक्षा बैठक के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा कि इसके तैयार होने के बाद सभी लोकोमोटिव को तुरंत इस सिस्टम से लैस कर दिया जाए।

क्या है रेलवे का कवच?

कवच एक ऑटोमेटिक सुरक्षा सिस्टम है। यह एक ट्रैक पर मौजूद ट्रेनों को किसी भी दुर्घटना से बचाता है। कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम है। इसे अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने तीन कंपनियों के साथ मिलकर भारतीय रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिजाइन किया है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग का उपयोग किया जाता है, जो ट्रैक और रेलवे यार्ड में लगे होते हैं। यह ट्रैक की स्थिति और ट्रेन की दिशा पर निगाह रखते हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति जैसे ब्रेक फेल या ड्राइवर द्वारा सिग्नल की अनदेखी करने की स्थिति में ये अपने आप एक्टिवेट हो जाता है और लोकोमोटिव को रोककर हादसा टालने में मदद करता है।

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