दैनिक उजाला डेस्क : ग्रेजुएशन की चार साल की पढ़ाई के बाद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पोस्ट ग्रेजुएशन छात्रों के लिए एक नया फ्रेमवर्क तैयार किया है। इस नए फ्रेमवर्क के तहत, छात्रों को बीच में कभी भी पढ़ाई छोड़ने और फिर से शुरू करने का विकल्प मिलेगा। यह फ्रेमवर्क नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
यूजीसी के नये नियम
UGC के नए नियमों के अनुसार, अगर आपने तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स किया है, तो आप दो साल का पीजी प्रोग्राम चुन सकते हैं, जिसमें दूसरे साल आप रिसर्च पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। वहीं, अगर आपने चार साल का ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स प्रोग्राम किया है, तो आपके लिए एक साल का पीजी प्रोग्राम भी होगा। नए करिकुलम में छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स चुनने की आजादी होगी। अगर आप एंट्रेंस एग्जाम क्रैक कर लेते हैं, तो आप ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट से हटकर कोई और विषय भी चुन सकते हैं। इसके अलावा, छात्रों को ऑफलाइन, ऑनलाइन, या दोनों तरीकों से पढ़ाई करने का विकल्प भी मिलेगा।
बीई-बेटेक छात्रों के लिए 2 साल का पीजी कोर्स
नए फ्रेमवर्क के तहत, चार साल का बीई-बीटेक करने वाले छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन दो साल के लिए करनी होगी। अन्य कोर्सेस के छात्र अब अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई एक साल में पूरी कर सकते हैं। दो साल के पीजी कोर्स में छात्रों को 260 क्रेडिट अंक जुटाने होंगे, जबकि एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा के लिए 240 क्रेडिट अंक जुटाने होंगे। यूजीसी ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों को लेकर जारी किए गए इन फ्रेमवर्क को सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों को अमल में लाने के निर्देश दिए हैं। पीजी फ्रेमवर्क को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे छात्रों की पढ़ाई, असाइनमेंट, क्रेडिट जमा करने, ट्रांसफर करने और उनके इस्तेमाल का पूरा हिसाब-किताब रहेगा।
यूजीसी अध्यक्ष का बयान
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा है कि उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) को 1-वर्षीय, 2-वर्षीय और इंटीग्रेटेड 5 वर्षीय पाठ्यक्रमों सहित अलग-अलग पीजी कोर्सेस की सुविधा दी गई है, जिससे छात्रों को AI और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। उन्होंने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों से इस फ्रेमवर्क को अपनाने का आग्रह किया है, जो राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (NHEQF) और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के साथ जुड़ा है। इस फ्रेमवर्क के माध्यम से छात्रों को अपने पाठ्यक्रम चुनने और विषयों को बदलने की अनुमति मिलेगी।