राजगढ़ : कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा इन दिनों एमपी के राजगढ़ में हैं। यहां उनकी शिव महा पुराण कथा चल रही है। कथा में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर हर कोई तर्क देने लगता है पर किसी दूसरे धर्म के बारे बोलने में पीछे हट जाते हैं। पंडित मिश्रा की कथा में कुछ बालिकाओं ने शिव तांडव गाया जिससे लोग भक्ति भाव में डूब गए। इधर आयोजकों ने पंडित मिश्रा द्वारा अभिमंत्रित रुद्राक्ष घर घर भिजनवाने की भी बात कही है।

राजगढ़ में शिव महा पुराण कथा में पंडित मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जिसपर हर कोई तर्क देने लगता है। दूसरे धर्म को लेकर कोई बात भी नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सनातनी बहुत सीधे होते हैं। भगवान शिव भोले है तो राम बहुत शांत भगवान और ब्रह्मा, विष्णु जैसे शांति के बारे में सोचने वाले भगवान है। यही कारण है कि सनातन धर्म से जुड़े हुए लोग भी सीधे होते हैं।
शिव महापुराण कथा में उन्होंने कहा कि मुझे अपने धर्म पर भरोसा है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, माता पार्वती, भोलेनाथ हमारी एक बात सुनते हैं तो फिर इस धर्म को छोड़कर किसी अन्य धर्म के बारे में सोचे भी न। पं. मिश्रा ने कहा कि हर व्यक्ति को एक जैसा समझे। एक जैसा सोचें। उसका सहयोग करें, तो वह दूसरी जगह क्यों जाएगा।

कार्यक्रम में राजगढ़ शहर की 50 बालिकाओं ने एक साथ शिव तांडव का गायन किया। यह गायन कथा से ठीक पहले किया गया, जिसे कथा सुनने आए श्रद्धालुओं ने भी खासा सराहा। बता दें कि इन बालिकाओं ने पिछले 20 दिन से लगातार इसकी तैयारी की थी। 19 अगस्त से शुरू हुई शिव महापुराण कथा का बुधवार को समापन हो गया। बुधवार को कथा दोपहर 1 बजे की बजाए सुबह 9 बजे से ही शुरु हो गई थी। इसके लिए एक दिन पहले सूचना भी दे दी गई थी।

बुधवार को कथा का समापन हुआ लेकिन रुद्राक्ष का वितरण नहीं किया गया। आयोजकों ने इसको लेकर एक रूपरेखा तैयार की है जिसमें विभिन्न मंडलियों और वार्ड में या फिर ग्राम पंचायत में सूचना देने के बाद समिति के सदस्य यह रुद्राक्ष वहां पहुंचाएंगे। बता दें कि कार्यक्रम में लगभग 5 लाख रुद्राक्ष से 31 फीट ऊंचे शिवलिंग का निर्माण किया गया। इनका प्रतिदिन अभिषेक भी किया गया, अब यही रुद्राक्ष घर-घर पहुंचाए जाएंगे।

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