• जीएलए के सीएफओ, उपकुलपति और कुलसचिव ने वृक्षारोपण कर दिया प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन पर जोर

मथुरा : यूं तो जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा हरे-भरे माहौल में शिक्षा प्रदान करने के नाम से विख्यात है, लेकिन इस प्रकृति के संरक्षण और सर्वधन की जिम्मेदारी हम सभी की है। इसी जिम्मेदारी के तहत विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया।

वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर जीएलए के सीएफओ विवेक अग्रवाल, उपकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता और कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कन्नेर, कंजी, गुड़हल आदि पौधों का रोपण किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिवार ने गुलमोहर, जामुन सहित दो दर्जन से अधिक पौधे लगाए। पौधे लगाकर सभी ने देखरेख और उनको सींचने की जिम्मेदारी भी उठाई। इसके साथ विश्वविद्यालय परिवार ने समय-समय पर वृक्षारोपण करने की भी शपथ ली। फार्मेसी विभाग के छात्रों ने वेस्ट प्लास्टिक एकत्रित कर प्लास्टिक से प्रकृति को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी।

वहीं जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा ग्राम आंझई में गोद लिए परिषदीय विद्यालयों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। यहां करीब एक दर्जन से अधिक पौधों का रोपण किया गया। इस दौरान यहां उपस्थित सभी शिक्षकगणों ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शपथ लेते हुए प्रकृति को संजोने का संकल्प लिया। इसके साथ ही रोपे गए पौधों को सींचने से लेकर उनको बड़ा करने की जिम्मेदारी भी ली।

इस अवसर पर सीएफओ विवेक अग्रवाल ने कहा कि मजबूत इरादों के साथ हरित विकास की ओर बढें तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संवर्धन समय की जरूरत है। वर्तमान समय में प्रकृति, पर्यावरण और जल का संरक्षण ही भावी पीढ़ी को जीवन प्रदान कर सकता है। प्राकृतिक संपदा का इस प्रकार दोहन न हो कि आने वाले समय में भावी पीढियों को जीवन के लिए ही संघर्ष करना पड़े। सामूहिक प्रयास से ही समाजिक विकास के साथ प्रकृति संरक्षण की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं।

हाॅटीकल्चर विभाग से गुलाब सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक विश्वविद्यालय में 400 से अधिक पौधों का रोपण हो चुका है। विश्वविद्यालय का हाॅर्टीकल्चर विभाग गोद लिए गए सुनरख स्थित रामताल, रंगजी मंदिर स्थित ब्रह्मकुंड, रसखान समाधि, ताजबीवी, कुसुम सरोवर, पांच परिषदीय विद्यालय को हरा-भरा रखने की जिम्मेदारी उठाये हुए है।

इस अवसर पर फार्मेसी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी, बीएससी एग्रीकल्चर विभाग के विभागाध्यक्ष सुरेन्द्र सिवाच, प्रशासनिक अधिकारी दीपक गौड़, सहप्रशासनिक अधिकारी धर्मेन्द्र कुलश्रेष्ठ सहित हाॅर्टीकल्चर विभाग के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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