झुंझुनू : कमलनिष्ठा संस्थान कोलसिया में आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय बकरी पालन एवं प्रबधन विषय पर पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का समापन शुक्रवार हो गया। शिविर में आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर पशुपालक महावीर प्रसाद, द्वितीय स्थान पर मेघराज व तृतीय स्थान पर रेखा देवी रहीं। इन सभी को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रतीक पशु चिकित्सक ने पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया तथा उन्होंने बताया कि बकरी के दूध में कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन और विटामिन-डी होते है, जो कि मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।
अधिकांश लोग गाय या भैंस का दूध पसंद करते हैं, लेकिन बकरी का दूध भी अपने आप में बहुत ही विशेषता लिए हुए है एवं सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
उन्होंने बताया कि यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के साथ ही डेंगू बिमारी में भी यह काफी प्रभावी है। बकरी का दूध गाय के दूध की तुलना में आसानी से पचता है।
केंद्र के डॉ. विनय कुमार ने क्षेत्र विशेष में होने वाले अनाज को मिलाकर बकरियों के लिए संतुलित व पोस्टिक आहार कैसे बनाएं विधि पूर्वक जानकारी दी।
कृषि पर्यवेक्षक रघुवीर सिंह यादव ने कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में एवं फोडर प्रोडक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कमलनिष्ठा संस्थान के संस्थापक डॉ. डीपी सिंह ने पशुपालकों एवं आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और ऐसे परीक्षणों में लगातार भाग लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन सुप्यार, दिलीप सिंह, सुमित पुरी ने किया। इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के 30 पशुपालकों ने भाग लिया।