सीकर : खाटूश्यामजी मंदिर में अब कांटेदार फूल व इत्र की शीशी नहीं चढ़ाई जा सकेगी। श्रद्धालु समूह में एकत्रित भी नहीं हो सकेंगे। भंडारों व अस्थाई दुकानों पर भी कई तरह के प्रतिबंध होंगे।
खाटूश्यामजी के फाल्गुनी लक्खी मेले को लेकर मेला मजिस्ट्रेट प्रतिभा वर्मा ने इस संबंध में मंगलवार सुबह से निषेधाज्ञा लागू कर दी है। धारा 144 के तहत पांच मार्च तक लागू निषेधाज्ञा का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
ये हैं नियम
- मेला मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार श्याम बाबा के चढ़ावे में किसी भी प्रकार के कांटेदार फूल व कांच की शीशियों में ईत्र पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
- लक्खी मेले में श्रृद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग के दोनों तरफ अस्थाई दुकान या केबिन लगाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। नगर पालिका भी ऐसी कोई दुकान या केबिन आवंटित नहीं कर सकेगी।
- उपखण्ड क्षेत्र की सीमा में श्रृद्धालुओं के आने- जाने के मार्ग के दोनों तरफ उपखण्ड मजिस्ट्रेट दांतारामगढ़ की बिना अनुमति के कोई भी भण्डारे, ठेले, केबिन या चिकित्सा शिविर आदि नहीं लगाए जा सकेंगे।
- बस तथा अन्य यात्रीवाहनों के लिए तय स्टेण्ड का ही उपयोग किया जा सकेगा। अन्य जगह वाहन खड़े करने पर कार्रवाई की जाएगी।
- उपखण्ड की राजस्व सीमा में डीजे बजाने या प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध होगा। राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम 1963 व राजस्थान ध्वनि नियंत्रण नियम 1964 के प्रावधानों की पालना करना जरूरी होगा।
- खाटू में किसी भी प्रकार के अस्त्र—शस्त्र का प्रयोग व प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा।