हाथरस : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के दौरान वोट बहिष्कार का मामला सामने आया है। आधा दर्जन से अधिक बूथों पर लोगों वोटिंग का बायकॉट कर दिया। जन सुविधाओं के अभाव को मुद्दा बनाते हुए उन्होंने यह फैसला लिया। ग्रामीणों का आक्रोश विकास कार्यों को नहीं कराए जाने को लेकर फूटा। स्थानीय लोगों का कहना था कि मतदान करने से कुछ हासिल नहीं हो रहा है। ऐसे में इस प्रकार मतदान करने से कोई फायदा नहीं होगा। कम से कम मतदान का बहिष्कार करने से प्रशासन और शासन का ध्यान हमारी समस्याओं की तरफ जाएगा। लोगों की ओर से वोट बहिष्कार को लेकर मामला गरमाया रहा। प्रशासनिक अधिकारी मौकों पर पहुंचकर स्थानीय ग्रामीणों को मनाने की कोशिश करते दिखाई दिए।

हाथरस लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के चुनाव के तहत वोटिंग हुई। विकास कार्य नहीं होने से जनता की नाराजगी भी इस दौरान सामने आई है। जिले में कई बूथों पर वोटरों ने चुनाव की वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। हाथरस संसदीय सीट के तहत आने वाले छर्रा के रामपुर, मिर्जा चांदपुर, गंगीरी के मलसई और गोंडा के धारागढ़ी में जनसमस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया। इन मामलों के सामने आते ही प्रशासन हरकत में आई। अधिकारियों ने मतदान बहिष्कार वाले इलाकों में पहुंच कर लोगों को मनाने की कोशिश की।

लोगों ने लगाया मनमानी का आरोप

अलीगढ़, हाथरस और फतेहपुर सीकरी के कई बूथों पर चुनाव बहिष्कार के मामले सामने आए। इन मामलों के बीच वोटिंग का कार्य जारी रहा। यूपी में सुबह 11 बजे तक 26 फीसदी वोट डाला जा चुका है। लोगों को अधिकारियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने की बात कही। इगलास के नगला वीरा बूथ पर ग्रामीणों को मतदान के लिए एसडीएम ने मनाने का प्रयास किया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी स्थिति का जिक्र किया। ग्रामीणों का कहना था कि पिछले चुनावों के दौरान मतदान के बाद भी समस्याएं दूर नहीं हो रही हैं। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लोगों को लोकतंत्र पर भरोसे का मंत्र दिया जाता रहा।

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