लखनऊ : रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को जेल के अंदर कैदी नम्बर 338 अलॉट हुआ है। आजम खान को बैरक नम्बर एक में रखा गया है। अब आजम खान का यह जिला कारागार के अंदर नया पता है। वहीं बेटे अब्दुल्ला आजम को पुरुष बैरक और पत्नी डॉ तंजीन फातिमा को महिला बैरक में रखा गया है। सभी की सामान्य चिकित्सीय परीक्षण जेल मैनुअल के मुताबिक किया गया है। तीनों को सामान्य कैदियों की तरह ट्रीट किया जा रहा है। साथ ही सभी को जेल मैनुअल के हिसाब से ही खाना और नाश्ता दिया जा रहा है।
जेल अधीक्षक, प्रशांत मौर्य के मुताबिक पुरुष बंदी वाले बैरक में पुरुषों को और महिला बंदी वाले बैरक में महिलाओं को रखा जाता है। तंजीम फातिमा को महिला बैरक में शिफ्ट में किया गया है। वहीं, आजम और अब्दुल्ला को पुरुष बैरक में। फिलहाल, उनको सामान्य बंदियों के साथ रखा गया है। अभी जेल के अंदर ऐसा कोई सिक्योरिटी इनपुट नहीं मिला है जिससे इनको अलग रखने की कोई आवश्यकता हो। हालांकि, हम सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं। सीनियर्स से अगर कोई निर्देश प्राप्त होगा तो इनके लिए विशेष सुरक्षा के इंतजाम करेंगे।
इस सवाल के जवाब में जेल अधीक्षक ने कहा कि सारे कैदियों को (आजम परिवार को मिलाकर) जेल मैनुअल के हिसाब से ही खाना दिया जा रहा है। जो भी चीज आम कैदियों के लिए बनती है जैसे- दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि. वही, सब उनको भी दिया जा रहा है। कल शाम उन्होंने (आजम, तंजीम, अब्दुल्ला) खाना लिया था और सामान्य तरीके से अपना भोजन भी किया था। बाकी जो नाश्ते में सभी के लिए बना था वही उनको उपलब्ध कराया गया। उन्होंने अपना नाश्ता और खाना दोनों ही खाया।
इसपर रामपुर जिला जेल अधीक्षक ने बताया कि जो भी बंदी हमारे यहां आते हैं उनको एक सीरियल नंबर दिया जाता है। जिसे क्रम संख्या या सामान्य बोलचाल में बंदी संख्या कहते हैं। आजम खान को 338 और तंजीन फातिमा को 339 नंबर मिला है। वहीं, अब्दुल्ला आजम को 340 नंबर मिला है।
इस सवाल पर जेल अधीक्षक ने कहा- बहुत ज्यादा अलग व्यवहार तो नहीं लगा। जेल में जब नए बंदी आते हैं तो सामान्य तौर पर उनके अंदर बेचैनी रहती है। बस हल्की सी परेशानी दिखाई दी और खाने-पीने को लेकर और स्वास्थ्य संबंधी पैरामीटर को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। जेल में आने के बाद सभी के साथ जो लक्षण होते हैं वहीं उनके साथ भी हैं।