नई दिल्ली : उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में ‘निपाह’ वायरस के संक्रमण से दो मरीजों की जान जाने और दो अन्य लोगों के संक्रमित होने के बाद 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इतना ही नहीं कंटेनमेंट जोन वाले इलाके और अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और वहीं 3 और जिले कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम में अलर्ट जारी किया गया है।

बता दें कि इससे पहले पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) का दल निपाह वायरस की जांच करने और चमगादड़ों का सर्वेक्षण करने के लिये कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक चलित प्रयोगशाला को स्थापित करने के लिये आज केरल पहुंचेगा। राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। सरकार द्वारा यह कदम कोझिकोड जिले में चार लोगों में निपाह संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उठाया गया है।

विधानसभा में निपाह संक्रमण के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य में जिस वारयस की पुष्टि हुई है वह बांग्लादेशी वेरियंट का है, जो मानव से मानव में फैलता है। उन्होंने बताया कि इसकी मृत्यु दर अधिक है लेकिन यह कम संक्रामक है। जॉर्ज ने आगे कहा कि पुणे स्थित एनआईवी के दल के अलावा, महामारी विशेषज्ञों का एक समूह सर्वेक्षण के लिये आज चेन्नई से केरल पहुंचेगा।

इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने निपाह रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त की है। स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज निपाह वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों के संबंध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक पी. बालचंद्रन के एक सवाल का जबाव दे रही थी।

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस की वजह से दो लोगों की मौत हुई, जबकि दो अन्य संक्रमित हैं। जिले के सात ग्राम पंचायतों अतांचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। जिले में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से नहीं घबराने और एहतियात बरतने का आग्रह किया था।

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