नई दिल्ली : भगवान श्रीराम की जंयती रामनवमी पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हुगली सहित कई शहरों में हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। जगह-जगह आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई। बाद में पुलिस की सख्ती के बाद हिंसा पर काबू तो पा लिया गया है लेकिन अब इस दंगे पर राजनीति शुरू हो चुकी है। दंगे पर जारी सियासत में एक तरफ राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी तो दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी है। बीजेपी ने इस दंगे के पीछे राज्य सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को जिम्मेदार ठहराया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा टीएमसी के कई नेताओं ने दंगे के लिए बीजेपी को जिम्मदार बताया। मंगलवार (4 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामनवमी पर राज्य के कई जगहों में हुई हिंसा को लेकर एक बार फिर बीजेपी (BJP) पर हमला बोला।

ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी वाले कहीं भी कभी भी दंगा कर सकते हैं। इसलिए मुझे हर समय अलर्ट रहना पड़ता है। हम हिंसा नहीं करते, बंगाल के लोग हिंसा पसंद नहीं करते और ये आपराधिक हिंसा है। हिंसा के लिए बीजेपी जिम्मेदार है, वे गुंडों को बाहर से बंगाल में लाए थे। इससे पहले भी ममता बनर्जी ने कहा था कि सेंट्रल फोर्स आई, होटलों में रुकी और बीजेपी के साथ मिलकर बंगाल में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया।

दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होताः बंगाल सीएम

मंगलवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वो जुलूस में हथियार और कारतूस लाए। क्या भगवान राम ने हथियार लाने को कहा था? ये लोग समझते नहीं हैं बंगाल के लोग दंगा पसंद नहीं करते। दंगा करना बंगाल की संस्कृति नहीं है। आम लोग दंगा नहीं करते हैं। बीजेपी से नहीं हो पाता तो दंगा भड़काने के लिए वे किराए के लोगों को लाते हैं। दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होता, वे सिर्फ राजनीतिक गुंडे होते हैं।

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