• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर रिसीव किया और उनका ग्रैंड वेलकम किया

कोलंबोः श्रीलंका में पीएम मोदी शुक्रवार की शाम ही दस्तक दे चुके हैं, जहां उनका ग्रैंड वेलकम किया जा रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को बड़ा सरप्राइज दिया है। राष्ट्रपति ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। यह पहली बार हुआ है, जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री मोदी की ऐसी आवभगत देखकर चीन की बेचैनी बढ़नी तय मानी जा रही है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को पहले पीएम मोदी के पहुंचते ही उन्हें रिसीव करने के लिए अपने टॉप-5 कैबिनेट मंत्रियों एयरपोर्ट पर भेजकर उन्हें रिसीव कराया और फिर इंडिपेंडेंस स्क्वायर में खुद प्रधानमंत्री का ग्रैंड वेलकम करने पहुंच गए। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा ने इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर खुद पीएम मोदी को रिसीव किया और उनका ग्रैंड वेलकम किया। पीएम मोदी थाईलैंड के बिम्सटेक में हिस्सा लेने के बाद 3 दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे हैं। 

एयरपोर्ट पर रिसीव करने को राष्ट्रपति ने भेजे अपने 5 मंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्रैंड वेलकम का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें रिसीव करने के लिए अपने 5 मंत्रियों को एक साथ शुक्रवार को एयरपोर्ट पर भेजा। बता दें कि पीएम मोदी श्रीलंका के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों (विशेषकर ऊर्जा, व्यापार, ‘कनेक्टिविटी’, डिजिटलीकरण और रक्षा के क्षेत्रों में) को और मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय यात्रा श्रीलंका में हैं। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे।

श्रीलंका के साथ 10 क्षेत्रों में बन सकती है सहमति

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। बैठक के बाद भारत और श्रीलंका द्वारा लगभग 10 क्षेत्रों को लेकर सहमति व्यक्त किये जाने की उम्मीद है, जिनमें रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमारे पास ‘साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने’ के संयुक्त दृष्टिकोण पर हुई प्रगति की समीक्षा करने और हमारे साझा उद्देश्यों को साकार करने के लिए आगे मार्गदर्शन प्रदान करने का अवसर होगा।’’ संयुक्त दृष्टिकोण को तीन महीने पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान अपनाया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रक्षा सहयोग पर समझौता समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, इनके अलावा तीन और समझौते भी हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होते हैं, तो यह भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक बड़ी पहल का संकेत होगा, तथा लगभग 35 वर्ष पहले भारत द्वारा द्वीपीय राष्ट्र से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाए जाने से संबंधित कटु अध्याय को पीछे छोड़ देगा।

आर्थिक संकट से श्रीलंका को उबारने में रहा भारत का बड़ा रोल

प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह द्वीपीय देश आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है। तीन साल पहले श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी। मोदी और दिसानायके के बीच वार्ता के बाद, ऋण पुनर्गठन पर श्रीलंका को भारत की सहायता तथा मुद्रा विनिमय पर भारत की सहायता से संबंधित दो दस्तावेज सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। 

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