- दाऊजी महाराज के पाटोत्सव पर सुबह से दोपहर तक चला दाऊजी सहस्त्रनाम पाठ
बलदेव/मथुरा : ब्रज के राजा बलदाऊजी महाराज के 442वें पाटोत्सव पर दाऊजी मंदिर में तड़के ही आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अगहन पूर्णिमा के अवसर पर ही बलदेव का सुप्रसिद्ध मेला भी शुरू हो गया। मेला को देखने के लिए भी काफी भीड़ उमड़ रही है।
अगहन पूर्णिमा के मद्देनजर तड़के 4 बजे मंदिर के पट खुल गए थे। इसके बाद करीब 1 घंटे मंगला दर्शन हुए। तत्पश्चात ही ब्रजराजा और माता रेवती को स्नान कराया गया और विशेष श्रृंगार धारण कराये गए। विशेष श्रृंगार में दाऊजी महाराज की मनोहारी छवि के दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। आसपास के गांव छौली, अमीरपुर, हथौड़ा, अवैरनी, जुगसना, हथकौली, किलौनी, मड़ौरा, पटलौनी से तो दर्शन करने लिए दर्शनार्थी आये हुए ही थे, बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु पहुंचे। दाऊजी महाराज व माता रेवती के जयकारों से परिसर गुंजायमान हो उठा।
अगहन पूर्णिमा पर 442वें पाटोत्सव पर मंदिर प्रांगण में ही पांडेय समाज के लोगों द्वारा बलदेव सहस्त्रनाम पाठ का भी आयोजन किया। 30 से अधिक पांडेय समाज के लोगों ने विशेष वस्त्र धारण कर सहस्त्रनाम पाठ में हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त भक्तों ने लड्डू, मेवा, पेड़ा आदि का भोग लगाकर भक्तों को प्रसादी तौर पर वितरण किया। दाऊजी महाराज का प्रसाद ग्रहण कर भक्त अपने आप को धन्य समझ रहे थे।
मंदिर प्रांगण के पीछे बलभद्र क्षीर सागर में भी श्रद्धालुओं ने स्नान किया और आचमन लिया। क्षीर सागर में स्नान और आचमन लेने बाद बलदाऊजी परिक्रमा भी की। दाऊजी मंदिर की छतों पर भी परिक्रमार्थी परिक्रमा देते हुए नजर आये।
लक्खी मेला देखने के लिए उमड़ी भीड़
442वें पाटोत्सव के अवसर पर बलदाऊजी का सुप्रसिद्ध लक्खी मेला भी शुरू हो गया है। मेले में झूला, डांस पार्टी, बच्चा खेलकूद पार्टी, रेल गाड़ी, बच्चा रेलगाड़ी, मौत का कुंआ, खान-पीन की चीजें, खेल-खिलौने, चांट पकौड़ी आदि देखने और खरीदने की वस्तुएं भी हैं। मेले के बाहर ही जलेबी के ठेले लग हुए हैं। यहां से मेला दर्शक गर्म-गर्म जलेबी का भी आनंद ले रहे हैं।