बलदेव : दाऊजी के हुरंगा में परिषदीय शिक्षक-रिसीवर रामकटोर पांडेय द्वारा करीब 40 से अधिक बाउंसर को बुलाने पर पांडेय समाज के कुछ लोग भड़क उठे और बाउंसरों के जाने के बाद ही हुरंगा की शुरूआत पर अड़े रहे।
समाज के लोगों ने काली पट्टी बांधकर रिसीवर की तानाशाही का भारी विरोध किया। इसके बाद महावन क्षेत्राधिकारी ने मामला शांत कराकर बाउंसरों को रवाना किया। जिसके कारण हुरंगा भी देरी से शुरू हुआ।
धरमु पांडेय ने बताया कि पिछले 400 वर्षों से दाऊजी हुरंगा प्रतिवर्ष आयोजित होता है, लेकिन इन बाउंसर लोगों को बुलाने की जरुरत ऐसी क्या आन पड़ी। ये पहली बार हुआ है। हमें ऐसे लोगों की आवश्यकता नहीं है जो पुरानी प्रथा को बिगाड़कर नई पालिसी चलायें।