दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के 13वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला ने अपने चार दशकों के अनुभव को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए उनसे अपने मूल स्वरूप में रहने की बात की।

उन्होंने कहा दीक्षा एक प्रकिया है, जिसमें गुरु अपने शिष्य को व्यवहारिक शिक्षा, ज्ञान, तकनीकी एवं मूल्यों की शिक्षा देता है। बेहतर इंसान बनाना शिक्षा का मूल उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने नवीन शिक्षा नीति पर बात करते हुए बेहतर नतीजों की उम्मीद जताई।

उन्होंने मानव संसाधन के विकास पर चर्चा की और कहा कि विकसित भारत के मिशन को उचित शिक्षा एवं मानव संसाधन के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने तकनीकी विकास पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि तकनीक कभी अच्छी-बुरी नहीं होती, बल्कि नियत के अनुसार उसका प्रयोग इसे अच्छा-बुरा बनाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास के द्वारा आ रहे बदलावों के साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि इसके बदले में क्या-कुछ खोया अथवा छोड़ा जा रहा है।

उन्होंने एआई के माध्यम से संभावित बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि कृतिम बुद्धिमत्ता मानव की वास्तविक बुद्धिमत्ता पर हावी ना हो, इसका ध्यान रखने की ज़रूरत है। उन्होंने सभी को प्रासंगिक रहने की सलाह दी एवं कहा कि अपने स्वप्नों को पूरा करने के लिए क्या-“कब-कहां जैसे तत्वों पर ध्यान देने की बात कही।

जीएलए विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न

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