नई दिल्ली : देश के किसानों के लिए एक नई खुशखबरी सामने आई है. अब नैनो यूरिया (Nano Urea) की तर्ज पर किसानों को नैनो डीएपी (Nano DAP) भी बोतल में मिलेगी. नैनो यूरिया के बाद भारत सरकार ने अब नैनो डीएपी को भी मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr. Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के विजन के तहत इस उपलब्धि से किसानों को बहुत फायदा होगा।

केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर्स मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को ट्वीट पर लिखा, उर्वरक में आत्मनिर्भरता की तरफ एक ओर बड़ी उपलब्धि! भारत सरकार ने नैनो यूरिया के बाद अब नैनो DAP को भी मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन आत्मनिर्भर भारत के तहत यह सफलता किसानों को अत्यधिक लाभ देने वाली है। अब एक बैग DAP भी, एक बोतल DAP के रूप में मिलेगी। केंद्र सरकार, नैनो पोटाश, नैनो जिंक और नैनो कॉपर उर्वरकों पर भी काम कर रही है। कंपनी इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोओपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) इसका निर्माण कर रही है। नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लिए IFFCO को 20 साल का पेटेंट मिला है।

नैनो डाई-अमोनिया फॉस्फेट फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल
केंद्र सरकार ने सहकारी संस्था इफको (IFFCO) के बनाए नैनो डाई-अमोनिया फॉस्फेट (Di-Ammonia Phosphate-DAP) को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (Fertilizer Control Order) में शामिल किया है. जिससे इसके किसानों के लिए जल्द ही कॉमर्शियल रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। यूरिया के बाद डीएपी देश में दूसरी सबसे ज्यादा खपत वाली खाद है. इसकी लगभग 10-12.5 मिलियन टन की सालाना खपत में से देश में उत्पादन केवल लगभग 4-5 मिलियन टन है. बाकी DAP का आयात किया जाता है। नैनो डीएपी से खाद पर सब्सिडी को घटाने में भी मदद मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर वो मूल कानून है, जो भारत में खादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण, वितरण और अन्य औपचारिकताओं को कंट्रोल करता है।

नैनो DAP क्या है ?

नैनो डीएपी आखिरकार क्या है? इस बात को लेकर किसानों और जनता में बहुत जिज्ञासा है। तो नैनो डीएपी क्या है जानें। नैनो यूरिया की तरह ही नैनो डीएपी लिक्विड अवस्था में मिलेगी। अभी तक तो DAP पाउडर-गोलियों के तौर पर पीले रंग की बोरी में मिलती थी। पर अब यह एक बोतल में किसानों को उपलब्ध होगी।

पौधों की जड़ों का होता है अच्छा विकास

डीएपी एक फॉस्फेटिक यानी रसायनिक खाद है। यह पौधों में पोषण, नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूरा करता है। इस DAP में 18 फीसद नाइट्रोजन और 46 फीसद फास्फोरस होता है। इसके प्रयोग से पौधों की जड़ों में अच्छा विकास होता है। एक तरह से देखा जाए तो यह उर्वरक भी फसल की उत्पादकता को बढ़ाने में अहम रोल अदा करता है।

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