नई दिल्ली : भारत सरकार ने लेबनान में जंग जैसे हालातों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। बेरूत स्थित भारतीय दूतावास ने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों से तुरंत देश छोड़कर जाने को कहा है। वहीं, लोगों को बेहद सतर्क रहने की भी सलाह दी गई है। दो महीने पहले दूतावास ने लोगों को वहां जाने से भी मना किया था।
लेबनान और इजराइल के बीच हो रहे हमले पिछले 8 दिनों में बढ़े हैं। इनमें 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइली सेना लेबनान में घुसपैठ की तैयारी कर रही है। ऐसे में मिडिल ईस्ट में एक और जंग का खतरा मंडरा रहा है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में उनके हवाई हमलों का मकसद हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जमीनी घुसपैठ का रास्ता तलाशना है। इजराइली सेना ने कहा कि उन्होंने बुधवार देर रात हिजबुल्लाह के 75 ठिकाने पर हमले किए। बुधवार को इजराइली हमले में कम से कम 72 लोगों की मौत हुई है।
हालेवी ने कहा कि इजराइली सेना, हिजबुल्लाह के इलाके में घुसेगी और उनकी सैन्य चौकियों को बर्बाद करेगी। तब उन्हें पता चलेगा कि इजराइली सेना का सामना करने का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हमलों के वजह से इजराइल के लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। अब वे अपने घर लौट पाएंगे।
लेबनान पर इजराइली हमले के फोटोज…
इजराइल ने बुधवार को दक्षिणी लेबनान में भी हमले किए।
इजराइली हवाई हमलों की वजह से साउथ लेबनान के कफर रौमान गांव में कई घर जल गए।
इजराइली हमले के बाद लेबनान के अस्पताल में घायल बच्चा।
अमेरिका-फ्रांस ने 21 दिन के सीजफायर की मांग की अमेरिका और फ्रांस ने इजराइल-लेबनान जंग को रोकने के लिए बुधवार को 21 दिन के सीजफायर की मांग की। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इस जंग को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जंग रोकने को लेकर बातचीत की जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने सीजफायर की मांग का समर्थन किया। बैठक में फ्रांस ने कहा कि लेबनान में हो रही जंग को रोकना जरूरी है, वरना इससे मिडिल ईस्ट में जंग और बढ़ सकती है। कूटनीति से इसे रोका जा सकता है।
हिजबुल्लाह, लेबनान और इजराइल ने नहीं दिया सीजफायर की मांग का जवाब इजराइल-लेबनान के बीच सीजफायर को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि जंग रोकने का वक्त आ गया है। लोगों के सुरक्षित घर लौटने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने सीजफायर के लिए इजराइल और लेबनान सरकार का समर्थन मांगा। हालांकि, अब तक हिजबुल्लाह, लेबनान या फिर इजराइल ने सीजफायर पर कोई जवाब नहीं दिया है।
गाजा में करीब एक साल से लड़ाई चल रही है। बाइडेन पर मिडिल ईस्ट में जंग को रोकने का बहुत दबाव है। वे अब सिर्फ 116 दिन तक ही राष्ट्रपति पद पर हैं। बाइडेन काफी समय से बातचीत के जरिए जंग को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक असफल रहे हैं। अगर उनकी कोशिश सफल होती है तो इससे उनकी इमेज बेहतर होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी को भी चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति भले ही एक तरफ मिडिल ईस्ट में जंग रोकने की कोशिश कर रहे हैं मगर दूसरी तरफ अमेरिका, इजराइल को जंग में मदद के लिए घातक हथियार भी मुहैया कर रहा है। इन हथियारों की मदद से गाजा में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चें हैं।