झालावाड़ : ईश्वर की लीला भी निराली है। वह कब घर आंगन को बच्चों की किलकारियों से भर दें, यह वही जानता है। एक विवाहिता के साथ ऐसा ही हुआ। शादी के बाद जब लंबे समय तक संतान की मुराद पूरी नहीं हुई तो उसने भगवान खाटूश्याम के यहां पर संतान सुख की कामना की। ईश्वर की ऐसी मेहरबानी हुई कि दो साल बाद एक नहीं तीन संतान से मुराद पूरी हो गई। उनकी सेहत का ध्यान रखने के लिए उन्हें मां के साथ ही कोटा के एक अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करवाया गया।
हाल ही अस्पताल से छुट्टी के बाद तीनों बच्चों को घर लाया गया तो महिला के साथ ही उसके परिजनों का खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। भवानीमंडी की जवाहर कॉलोनी निवासी निशा राठौर पत्नी टीकमचंद राठौर ने पिछली 18 अक्टूबर को एक साथ दो पुत्र एवं एक पुत्री को भवानीमंडी के ही एक नवजीवन अस्पताल मेें जन्म दिया था।
हॉस्पिटल निदेशक डॉ. राजदीप सिंह छाबड़ा ने बताया की प्रसव ऑपरेशन द्वारा महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वृंदा कुवंर झाला ने करवाया। डॉ. वृंदा ने बताया कि इन बच्चों का विशेष ध्यान रखना होता है। बच्चों के स्वास्थ्य को देख उनको कोटा रैफर किया गया। अब ये बच्चे पहले से स्वस्थ्य हैं और उनका नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज साहू द्वारा चिकित्सकीय ध्यान रखा जा रहा हैं। इस तरह का प्रसव असामान्य है और 8 हजार में से 1 महिला को ही होता है।