India Pakistan War: बीते कल पाकिस्तान ने भारत पर सैकड़ों मिसाइलें दागी। जिसे भारत ने एक-एक कर सबको तबाह कर दिया। पाकिस्तान के इस हमले को देखते हुए हर एक देशवासी के मन में देश की सेवा करने की भाव पैदा हो गई है। सभी लोग देश की सेवा में खुद को समर्पित करने को बेकरार है। कई लोग तो बॉर्डर पर जाकर युद्ध करने क बाते कर रहे हैं और सरकार से युद्धक्षेत्र में जाने की इजाजत मांग रहे हैं। इसी जज्बे के साथ बिहार के कैमूर के एक शिक्षक ने भी बिहार सरकार को पत्र लिखकर युद्धक्षेत्र में जाने की मांग की है।

शिक्षक का नाम वैभव किशोर है और वह कैमूर में अधौरा प्रखंड के चफना स्थित 10+2 उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्यापक के पद पर कार्यरत है। शिक्षक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ को एक चिट्ठी लिखा है। जिसमें उसने कहा है कि वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए वह भारत-पाक युद्ध के लिए सीमा पर जाना चाहता है। वह एक जिम्मेदार नागरिक और प्रशिक्षित शिक्षक होने का फर्ज निभाना चाहता है। 

ले चुका है ट्रेनिंग

शिक्षक वैभव किशोर ने अपने पत्र में बताया कि वह न केवल शैक्षणिक योग्यता में दक्ष हैं, बल्कि उसके पास NCC का ‘C’ सर्टिफिकेट भी है। जिसमें उसे ‘BEE’ ग्रेड प्राप्त हुआ है। इसके अलावा वह दो साल  रोवर/रेंजर प्रशिक्षण और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) से भी प्रशिक्षण ले चुका है। ये सभी योग्यताएं उसे किसी भी राष्ट्रीय आपात स्थिति में सहयोग देने के लिए सक्षम बनाती हैं। पत्र लिखने के साथ-साथ शिक्षक वैभव ने अपर सचिव से आग्रह किया कि उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया जाए। वैभव ने अपने पत्र में आगे लिखा कि “मुझे गर्व होगा अगर मैं मातृभूमि की रक्षा में योगदान दे सकूं। यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण अवसर होगा।” 

गुरु जी द्वारा लिखी गई चिट्ठी
गुरु जी द्वारा लिखी गई चिट्ठी

लेटर सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

शिक्षा विभाग को लिखी गई शिक्षक की ये चिट्ठी इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसे देखने के बाद अन्य लोगों के मन में भी देशप्रेम की भावना जाग उठी। लोगों ने शिक्षक की देशभक्ति की तारीफ करते हुए एक सच्चा देशप्रेमी बताया। कई लोग शिक्षक के इस जोश से काफी प्रभावित हुए और देश की सेवा के लिए खुद को बलिदान कर देने की बात कही।

डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है। दैनिक उजाला लाइव किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

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