पटना : बिहार के पटना में गुरुवार को अटल जयंती समारोह में महात्मा गांधी के भजन रघुपति राघव राज राम…को लेकर हंगामा हो गया। भजन गायिका देवी को माफी मांगनी पड़ी। जय श्रीराम के नारे लगाने पड़े, तब जाकर मामला शांत हुआ और कार्यक्रम दोबारा शुरू हुआ।

उधर, इस घटना पर आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि गांधी जी का भजन गाया तो नीतीश कुमार के भाजपाई साथियों ने हंगामा कर दिया। ओछी समझ के लोगों की भावनाएं आहत हो गईं।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने 25 दिसंबर को पटना के बापू सभागार में ‘मैं अटल रहूंगा’ कार्यक्रम आयोजित किया था।

‘मैं अटल रहूंगा’ कार्यक्रम पटना के बापू सभागार में आयोजित किया गया था।

‘मैं अटल रहूंगा’ कार्यक्रम पटना के बापू सभागार में आयोजित किया गया था।

गायिका देवी ने जैसे ही ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ गाया, लोग नाराज हो गए

इसके बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हुए और नारे लगाते हुए बाहर निकलने लगे। इस पर देवी ने भी ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया। फिर आयोजकों ने मंच से कहा कि भारत मां की हम सभी संतान हैं। इस तरह से हम अपना परिचय नहीं देते हैं।

गायिका देवी को कार्यक्रम में परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया था। कार्यक्रम में देवी ने ‘भारत माता की जय’ और ‘अटल बिहारी वाजपेयी अमर रहे’ के नारे लगाए। इसके बाद उन्होंने जब रघुपति राघव राजा राम गुनगुनाना शुरू किया। देवी ने जब भजन की लाइन ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ गाया तो सभागार में मौजूद करीब 60-70 युवा कार्यकर्ता नाराज हो गए। इसके बाद सभी अपने स्थान पर खड़े होकर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने लगे।

इस पर गायिका देवी ने कहा- भगवान हम सभी के हैं और उनका उद्देश्य केवल राम को याद करना था। हालांकि इसका असर नहीं हुआ, तो आयोजकों ने बीच में हस्तक्षेप किया। आयोजकों के हस्तक्षेप से भी जब बात नहीं बनी, तो देवी ने कहा ‘भगवान हम सभी के हैं। अगर आपके दिल को ठेस लगी है, तो मैं सॉरी कहती हूं।’

विरोध करने वालों ने अपनी छोटी सोच का परिचय दिया

विवाद के बाद सिंगर देवी ने दैनिक भास्कर से कहा- ये विवाद अनएक्सपेक्टेड था। ये गांधी जी का प्रिय भजन है। सम्मान के बाद सभी ने गीत गाने के लिए कहा। विवाद के बाद मंच पर मौजूद लोग भी समझ नहीं पाए कि ये क्या हो रहा है। बाद में पता चला कि अल्लाह के नाम पर वे लोग भड़क गए। जबकि मंच पर शाहनबाज हुसैन भी मौजूद थे। इसमें विवाद का कोई पॉइंट ही नहीं था।

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मुझे लगा कि किसी को मेरी कोई बात तो बुरी नहीं लग गई। इसीलिए मैंने माफी भी मांगी। इस गाने पर विवाद हो सकता है समझ ही नहीं आया। माफी मांगने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया। आयोजक भाजपा नेता अश्विनी चौबे भी घबरा गए थे। विरोध करने वालों ने अपनी छोटी सोच का परिचय दिया है। -देवी, लोकगायिकाQuoteImage

मैं अटल हूं कार्यक्रम में शामिल हुए भाजपा नेता।

मैं अटल हूं कार्यक्रम में शामिल हुए भाजपा नेता।

कार्यक्रम में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, डॉ. सीपी ठाकुर, शाहनवाज हुसैन, दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर, भाजपा नेता संजय पासवान आदि मौजूद थे।

रघुपति राघव राजाराम… भजन में गांधी जी ने किया था बदलाव

रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।। ईश्वर अल्लाह तेरो नाम। सब को सन्मति दे भगवान।। ….ये महात्मा गांधी का प्रिय भजन था। वे इसे अक्सर गाया करते थे।

ऐसा कहा जाता है कि यह भजन बहुत पुराना है। गांधीजी ने इसके मूल रूप में बदलाव किया था। 17वीं सदी में कवि और संत स्वामी रामदास ने इसे लिखा था। एक थ्योरी यह भी है कि इस भजन को श्री लक्ष्मणाचार्य ने लिखा था। इसे उनके ‘श्री नमः रामनायनम” नामक ग्रंथ से लिया गया है जो इस प्रकार है।

रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।। सुंदर विग्रह मेघाश्याम। गंगा तुलसी शालीग्राम।। भद्रगिरीश्वर सीताराम। भगत-जनप्रिय सीताराम।। जानकीरमणा सीताराम। जय जय राघव सीताराम।।

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