बरेली : बरेली में एक बार फिर गूगल मैप की वजह से बड़ा हादसा हो गया। इज्जत नगर थाना क्षेत्र के पीलीभीत रोड स्थित एक कार गूगल मैप के गलत रास्ता दिखाए जाने के कारण कार कलापुर नहर में गिर गई। कार में तीन लोग सवार थे। इसमें से एक युवक बाहर निकल आया। इसके बाद उसने अपने दोनों साथियों को बाहर निकाला। घटना में तीनों युवकों के हल्की चोटें आईं।

कार से बाहर आने के बाद उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। वहीं मौके पर ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। जानकारी होते ही पुलिस प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची। जेसीबी से कार बाहर निकाली गई। गूगल मैप ने कार सवारों को जो शॉर्टकट रास्ता दिखाया, दरअसल वह कच्चा रास्ता है। इस रास्ते से चार पहिया वाहन नहीं गुजरते हैं। शॉर्ट कट के चक्कर में कार सवार गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलते गए और कार नहर में गिर गई।

दिव्यांशु पुत्र महेंद्र प्रताप सिंह निवासी औरैया जनपद कानपुर की कार टाटा टैगोर वाहन संख्या HR 79D9286 जो की सेटेलाइट से गूगल मैप लगाकर पीलीभीत जा रहे थे। गूगल ने उन्हें शॉर्टकट रास्ता दिखाया। इस पर कार सवार कलापुर नहर के पास निकट ग्राम बरकापुर तिराहा पर पहुंच गए।

यहां सड़क का कटान था। इससे यह कार नहर में पलट गई। जिसमें कुल तीन लोग सवार थे। दिव्यांशु बाहर निकले और उन्होंने अपने साथियों को बाहर निकाला। गनीमत रही कि किसी को कोई चोट नहीं आई है। गाड़ी को क्रेन द्वारा बाहर निकलवा दिया गया है।

एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि आज सुबह सेटेलाइट से गूगल मैप के द्वारा कानपुर के तीन लोग पीलीभीत जा रहे थे तभी उनकी कर कलापुर नहर में गिर गई। तीनों लोग सुरक्षित है। कार को नहर से बाहर निकाल लिया गया है। उसी कार से ये लोग गंतव्य को चले गए हैं।

8 दिन पहले भी गूगल गलत रास्ते पर ले गया था, रामगंगा में कार गिरने से हुई थी तीन की मौत

आठ दिन पहले भी बरेली में गूगल मैप की वजह से कार आधे-अधूरे पुल से नीचे गिर गई। हादसे में कार में सवार 2 भाइयों समेत 3 युवकों की मौत हो गई। तीनों गूगल मैप के सहारे कार से बरेली आ रहे थे। लोकेशन के हिसाब से चल रहे युवक पुल पर पहुंच गए। कोहरे के कारण पुल समझ में नहीं आया और कार रामगंगा नदी में गिर गई।

ये हादसा फरीदपुर थाना क्षेत्र के खल्लपुर इलाके में हुआ। कार रामगंगा नदी पर फरीदपुर-बदायूं के दातागंज को जोड़ने वाले अधूरे पड़े पुल से गाड़ी नीचे जा गिरी। गाड़ी में मैनपुरी निवासी कौशल और फर्रुखाबाद के विवेक कुमार और अमित सवार थे। गाड़ी दातागंज की ओर से गूगल मैप के सहारे आ रही थी।

गुरुग्राम से बरेली के फरीदपुर आ रहे थे

कार जब राम गंगा में गिरी तो तेज आवाज हुई। वहां खेतों में मौजूद लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को फोन किया। मौके पर पुलिस क्रेन के साथ पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने सभी को बाहर निकाला। जब तक पुलिस ने कार सवारों को बाहर निकाला, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

आईडी कार्ड से पता चला कि यह लोग सिक्योरिटी एजेंसी के लिए काम करते थे। अमित गुरुग्राम में सिक्योरिटी कंपनी चलाते थे। इसी कंपनी में अजीत फील्ड ऑफिसर थे। वहीं, नितिन ओला में गाड़ी चलाते थे। गाड़ी उनकी खुद की थी। ये लोग गुरुग्राम से बरेली के फरीदपुर आ रहे थे।

सेतु निगम की लापरवाही बनी वजह

लोगों का कहना है कि सेतु निगम की लापरवाही से तीनों युवकों की मौत हुई है। जब पुल निर्माणाधीन था तो वहां पर बैरिकेडिंग क्यों नहीं की गई? अगर वहां पर बैरिकेडिंग की जाती तो इस हादसे को होने से रोका जा सकता था। ऐसे में सेतु निगम और जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही ने आज तीन युवकों की जान ले ली है।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और क्षेत्रीय प्रबंधक गूगल मैप पर मुकदमा

मामले में तहसीलदार छबीराम की ओर से दातागंज थाने में पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अभिषेक कुमार, सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ, अवर अभियंता अजय गंगवार, अवर अभियंता महाराज सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक गूगल मैप और ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 के तहत पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

उसमें लिखा गया है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को यह ज्ञात था कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति इस पुल से होकर गुजरेगा तो उसके साथ कोई बड़ी घटना घट सकती है। लोक निर्माण विभाग के इन अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पुल के दोनों किनारो पर मजबूत बैरिकेडिंग, अवरोध, रिफ्लेक्टर बोर्ड नहीं लगाया गया था।

तहरीर में लिखा गया है कि गूगल मैप में भी उक्त मार्ग के सर्च करने पर कोई अवरोध न दिखाते हुए सही मार्ग गंतव्य दिखाया गया।

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