लखनऊ : भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच लखनऊ में युद्ध से बचने के लिए सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की। लखनऊ में पुलिस लाइंस में सायरन बजते ही लोग लेट गए। फिर गोली लगने पर या हमलों के बीच क्या किया जाए। इसकी ट्रेनिंग भी सिविलियंस को दी गई।
जो वीडियो सामने आए हैं। उसमें दिख रहा है कि सायरन बजते ही लोग फर्श पर लेट जाते हैं। दोनों हाथों से अपने दोनों कान बंद कर लेते हैं। सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की ट्रेनिंग भी ली गई। हमले के दौरान आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए। इस दौरान यह भी बताया जाएगा कि आग लगने, गोली लगने, विस्फोटों से घायलों को कैसे बचाएं।
DGP प्रशांत कुमार ने बताया- 19 जिलों में 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर मॉकड्रिल की जाए, ताकि आकस्मिकता की स्थिति में हम इन चीजों से निपट सकें।
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था।
तस्वीरें देखिए-

हमले के दौरान अगर कोई बेहोश हो जाता है। उसे कैसे होश में लाया जाए। इसकी भी ट्रेनिंग दी गई।।

सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की ट्रेनिंग भी ली गई।

बम गिरने के बाद आग लग जाए तो कैसे बुझाएं। यह भी ट्रेनिंग के दौरान बताया गया।

मॉकड्रिल के दौरान सायरन बजते ही लोग फर्श पर लेट गए।

यह वही सायरन है, जिसे बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाएगा।
मंत्री बोले- आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा
मॉकड्रिल पर मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की जनता चाहती है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई हो। ऐसे में गृह मंत्रालय लोगों को सचेत करने की कोशिश कर रहा है ताकि वे किसी भी हालत में घबराएं नहीं। वहीं, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमेशा देशहित, राष्ट्रहित में काम हुआ है। आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।