दैनिक उजाला, मथुरा/सादाबाद : उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के निर्देश पर शुक्रवार को मथुरा बार एसोसिएशन ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग की कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। प्रदर्शन के बाद वकीलों ने DM को 6 सूत्रीय मांग पूरी करने के लिए ज्ञापन दिया। हाथरस जिले में स्थित दी बार एसोसिएशन सादाबाद ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 का विरोध किया है। एसोसिएशन ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के प्रावधान अधिवक्ताओं के संवैधानिक व मौलिक अधिकारों के विपरीत प्रस्तावित किया गया है। जो कि भविष्य में अधिवक्ताओं की एकता एवं अखंडता को खंडित करने एवं दमन करने को प्रदर्शित करता है। बार एसोसिएशन मथुरा प्रस्तावित संशोधन बिल 2025 जो कि अधिवक्ता अधिकारों व हितों के विपरीत है मुख्य रूप से असहमति व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन करती है।

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते एडवोकेट
पैदल मार्च निकाला
प्रस्तावित संशोधन बिल के विरोध में अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। इसके बाद पैदल मार्च निकाला। मथुरा बार एसोसिएशन कर से जुड़े वकील जीएसटी कार्यालय गोवर्धन रोड मथुरा पर काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्य से विरत रहे। उसके बाद जीएसटी कार्यालय से जिला अधिकारी कार्यालय तक शांतिपूर्ण मार्च निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया।

शुक्रवार को एडवोकेट ने काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया
यह है मांग
प्रदर्शन करने पहुंचे वकीलों ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में DM ऑफिस पर मौजूद SDM को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने,परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अलावा किसी की सहमति न ली जाए,परिषदों के सदस्यों के सुझाव पर संशोधन को तुरंत समाप्त किया जाए,वकीलों का 10 लाख रुपए का मेडिक्लेम,10 लाख रुपए मृत्यु पर बीमा राशि प्रदान करने सहित 6 मांग की।
सादाबाद में वकीलों का प्रदर्शन

हाथरस जिले में स्थित दी बार एसोसिएशन सादाबाद ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 का विरोध किया है। एसोसिएशन ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने करीब 6 महीने पहले एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप सरकार को भेजा था। लेकिन नए संशोधन में इसका कोई जिक्र नहीं है। राजस्थान में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को राज्यपाल ने राष्ट्रपति की सहमति न मिलने के कारण रोक दिया है।
बार एसोसिएशन की प्रमुख मांगें हैं:
– अधिवक्ताओं और उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
– परिषदों में केवल निर्वाचित सदस्य ही शामिल किए जाएं
– प्रदेश के अधिवक्ताओं को 10 लाख का मेडिक्लेम और मृत्यु पर 10 लाख की बीमा राशि दी जाए
– पंजीकरण के समय ली जाने वाली 500 रुपए की स्टांप राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस की जाए
– विधिक स्टांप की बिक्री से प्राप्त धनराशि का 5% अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए
– एडवोकेट्स एक्ट में पहले से मौजूद नियम बनाने का अधिकार यथावत रखा जाए
एसोसिएशन का कहना है कि किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता नहीं है। इसलिए वे एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल-2025 को पूरी तरह से खारिज करते हैं और इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।